लोढ़ाई ने माना विदेशी बैंकों में है अकाउंट, स्विस बैंक खाते पर चुप्पी

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को काले धन से संबंधित जो पहली सूची भेजी थी, उसमें बुलियन कारोबारी पंकजकुमार चिमनलाल लोढ़ाई का नाम है. अब उन्होंने मान लिया है कि उनके नाम से विदेशों में दो अकाउंट हैं.

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पंकजकुमार चिमनलाल लोढ़ाई पंकजकुमार चिमनलाल लोढ़ाई

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को काले धन से संबंधित जो पहली सूची भेजी थी, उसमें बुलियन कारोबारी पंकजकुमार चिमनलाल लोढ़ाई का नाम है. अब उन्होंने मान लिया है कि उनके नाम से विदेशों में दो अकाउंट हैं. यह खबर एक आर्थिक पत्र ने दी है.

राजकोट के रहने वाले लोढ़ाई सोने और चांदी के कारोबारी हैं और उनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने शारजाह के एक निवासी को अपने नाम से दो विदेशी अकाउंट खोलने को कहा था ताकि सट्टा लगाया जा सके.

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टैक्स अधिकारियों ने बताया कि लोढ़ाई ने अपने टैक्स स्टेटमेंट में माना कि उसका एक अकाउंट संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमाह में है और दूसरा सिंगापुर के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में है. इस साल सितंबर में उसने टैक्स सेटलमेंट कमीशन को अपने 14.53 करोड़ रुपये के बारे में बताया. कमीशन टैक्स संबंधी विवादों के समाधान के लिए बनाई गई सरकारी संस्था है. लोढ़ाई ने कमीशन से आग्रह किया था कि उस पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जाए और न ही कोई पेनाल्टी ली जाए. लेकिन उसने किसी स्विस बैंक में अकाउंट होने की बात नहीं बताई.

पत्र ने मुंबई बुलियन मार्केट के सूत्रों के हवाले से बताया कि लोढ़ाई का दावा है कि वह शारजाह में रह रहे किसी मेहुल नंदा को कंसल्टेंसी सेवा दिया करता था जो दुबई और सिंगापुर में सोने-चांदी का कारोबार करता था. लोढ़ाई के टैक्स डिक्लेरेशन के मुताबिक विदेशों से कोई भी पैसा भारत नहीं आया है. नंदा को लोढ़ाई पर बहुत विश्वास था और वह उसे अपने लॉगिन और पास वर्ड भी दे रखा था. लोढ़ाई ने उसके बदले उसे अपने बैंक खाते में मार्जिन मनी रखने की इजाजत दे दी थी और वह पैसा डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में लगाया जाता था.

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2008-09 से 2014-15 के आकलन वर्ष में बिना अकाउंट की गई रकम मूल रूप से श्रीजी ट्रेडिंग ऐंड कंपनी के नाम थी. उसके अलावा वहां सोने तथा हीरे के स्टॉक भी थे जिनका कोई हिसाब नहीं था. उसके अलावा रियल एस्टेट बिजनेस से प्राप्त नकदी की बिना रिकॉर्ड की गई रसीदें भी थीं.

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