रक्षा मामलों की स्थाई समिति ने बजट पर उठाए सवाल, कहा- सेना के आधुनिकीकरण को लगेगा धक्का

बीजेपी सांसद मेजर जनरल बी सी खंडूरी के नेतृत्व वाली रक्षा सम्बन्धी स्थायी समिति के सामने उप सेना प्रमुख गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद ने कहा कि 2018- 19 के लिए सेना को जो पैसा दिया गया है, वह उसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नाकाफी है. ऐसे में सेना का आधुनिकीकरण कैसे होगा.

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

अंकुर कुमार / मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST

लोकसभा में मंगलवार को पेश संसद की रक्षा मामलों की स्थाई समिति की रिपोर्ट में सेना के आधुनिकीकरण में पैसे की कमी लेकर गम्भीर चिंता जताई गयी है. इससे मौजूदा बजट में सेनाओं के आधुनिकीकरण में पैसे की कमी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

बीजेपी सांसद मेजर जनरल बी सी खंडूरी के नेतृत्व वाली रक्षा सम्बन्धी स्थायी समिति के सामने उप सेना प्रमुख गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद ने कहा कि 2018- 19 के लिए सेना को जो पैसा दिया गया है, वह उसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नाकाफी है. ऐसे में सेना का आधुनिकीकरण कैसे होगा.

Advertisement

उप सेना प्रमुख ने कमेटी के सामने कहा इस साल के बजट में जो बढ़ोतरी की गई है वह बहुत ही नाममात्र है और उससे  सेना को मायूसी हुई है. यह बढ़ोतरी महंगाई और करों की को कमी को भी पूरा नहीं करती है. न सिर्फ सेना बल्कि नौसेना ने भी कैपिटल बजट को लेकर सवाल उठाए हैं. संसदीय समिति के सामने अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में नौसेना ने कहा कि बजट में कमी की वजह से नौसेना की नई योजनाओं और मौजूदा सौदों को पूरा करने में दिक्कत होगी. इससे नौसेना के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के साथ ही आधुनिकीकरण योजना भी धक्का लगेगा.

ऐसे में रक्षा सम्बंधी स्थायी समिति ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि बजट प्रावधानों में आवश्यक बढ़ोतरी की जाए ताकि तीनों सेनाएं अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करने में सक्षम हों और अपनी ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा कर सकें. कमेटी ने यह भी कहा कि हाल में सेनाओं के स्टेशन और बेसों पर आतंकी हमले को देखते हुए बजट में  मिलिट्री बेसों की सुरक्षा के लिए अलग से बजट प्रावधान किया जाए.

Advertisement

रक्षा मंत्रालय ने कमेटी के सामने अपने जवाब में कहा कि उसने पहले से ही तीनों सेनाओं के उप सेना प्रमुखों की वित्तीय क्षमता को 14,097 करोड़ तक बढ़ा दिया है. इस बजट में इस मद में अलग से कोई प्रावधान न किए जाने की वजह से जरूरी खरीद और सुरक्षा संबंधी इंतजामों के लिए अब खर्च में कटौती करनी पड़ेगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement