पेंशन में निवेश करना होगा फायदे का सौदा, बजट में मिल सकता है तोहफा

आम बजट में नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) को लेकर सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है. सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) की तरह ही इस पर भी तिहरा टैक्स बेनेफिट दे सकती है. लंबे समय से उठाई जा रही इस मांग को इस बजट में मूर्त रूप म‍िल सकता है.

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NPS पर टैक्स छूट बढ़ सकती है NPS पर टैक्स छूट बढ़ सकती है

विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

आम बजट में नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) को लेकर सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है. सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) की तरह ही इस पर भी तिहरा टैक्स बेनेफिट दे सकती है. लंबे समय से उठाई जा रही इस मांग को इस बजट में मूर्त रूप म‍िल सकता है.

नेशनल पेंशन सिस्टम अथवा एनपीएस एक रिटायरमेंट सेविंग्स अकाउंट है. इस स्कीम की शुरुआत भारत सरकार ने 1 जनवरी 2004 को की थी. पहले यह स्कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी. हालांकि 2009 के बाद इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी शुरू किया गया है.

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इस नेशनल पेंशन स्कीम के प्रति लोगों का रुझान कुछ खास नहीं रहा है. लोगों ने इसे काफी कम पसंद किया है. इसके पीछे वजह य‍ह है कि इसमें टैक्स छूट अन्य सेविंग्स स्कीम के मामले में कम है.

एनपीएस खाते से आप सिर्फ 60 फीसदी रकम विद्ड्रॉ कर सकते हैं. इसके बाद 40 फीसदी रकम एन्युटी के तौर पर चली जाती है, जो बाद में पेंशन के तौर पर मिलती है.

फिलहाल 60 फीसदी मैच्योरिटी अमाउंट में से सिर्फ 40 फीसदी रकम टैक्स फ्री होती है. इस बजट में सरकार इस सीमा को 40 से बढ़ाकर 60 फीसदी कर सकती है. अगर ऐसा होता है, तो ज्यादा लोग इस स्कीम की तरफ बढ़ सकते है.

इसके अलावा इस स्कीम को लोगों के बीच पसंदीदा विकल्प बनाने के लिए केंद्र सरकार की कोश‍िश रहेगी कि वह इसे अन्य सेविंग्स स्कीम जैसे कि पीपीएफ और ईपीएफ की तरह ही आकर्ष‍ित बनाए. इसके लिए सरकार एनपीएस के मोर्चे पर कई घोषणाएं कर सकती है.

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बता दें कि फिलहाल पीपीएफ खाते पर तिहरा टैक्स बेनेफिट मिलता है. पीपीएफ में जमा होने वाली रकम, इस पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी कोई टैक्स नहीं देना होता है. इन तीनों में ही आपको टैक्स छूट मिलती है. एनपीएस में भी अब मैच्योरिटी टैक्स फ्री हो सकती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) स्कीम बैंक और पोस्ट ऑफिस द्वारा चलाई जाती है. यह प्रोविडेंट फंड से अलग होती है और इसमें कोई भी अपनी स्वेच्छा से खाता खुलवा सकता है.  इस खाते को कम से कम 100 रुपये में भी खोला जा सकता है.

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