हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर का इस्तीफा चर्चा में है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इस्तीफे पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा है. मायावती ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि हरियाणा की महिला अफसर की जान पर खतरा है, उन्हें इस्तीफा देना पड़ा जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
दूसरे दलों को भी घेरते हुए मायावती ने सवाल पूछा है कि महिला सम्मान और सुरक्षा के मामले में अन्य लोग भी क्यों चुप हैं. मयावती का इशारा विपक्षी दलों की ओर है.
मयावती ने ट्वीट कर कहा, 'हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को, 'नौकरी के दौरान अपनी जान को खतरा' के कारण अन्ततः अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौटना पड़ा है, जो अति-दुःखद व अति-दुर्भाग्यपूर्ण है. महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता व अन्यों की चुप्पी क्यों?
IAS सुनील गुलाटी के साथ चल रहा विवाद
दरअसल हरियाणा कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी रानी नागर ने 4 मई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. लॉकडाउन के बीच रानी ने हाल ही में फेसबुक पोस्ट पर इस्तीफा देने की बात भी कही थी. रानी नागर सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल उठाती रही हैं. रानी नागर का हरियाणा के ही आईएएस सुनील गुलाटी के साथ कोर्ट केस भी चल रहा है.
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क्या है पूरा मामला?
रानी नागर ने जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते एक अफसर पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसे लेकर वो सुर्खियों में आई थीं. जानकारी के मुताबिक रानी 14 नवंबर 2018 से अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व 7 मार्च 2020 से निदेशक अर्काइव की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली रानी नागर 2014 बैच की हरियाणा कैडर की आईएएस अफसर थीं. अप्रैल में उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया था. वीडियो में उन्होंने बहन रीमा नागर और खुद की जान को खतरा बताते हुए एक मुकदमा संख्या का जिक्र किया था.
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रानी नागर ने जानकारी दी थी कि दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं. इसे लेकर लोगों से अपील की थी कि अगर उनके साथ कोई घटना होती है तो उनके मुकदमा संख्या के आधार पर पता लगाया जाए.
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