केरल: रिश्वत के 47 लाख रुपये के साथ BSF कमांडेंट गिरफ्तार

केरल के अलाप्पुझा में सीबीआई ने एक बीएसएफ कमांडेंट को 47 लाख रुपये के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. बीएसएफ के 83वें बटालियन का कमांडेंट जिबू डी मैथ्यू पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात था.

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केरल के अलाप्पुझा में हुई गिरफ्तारी केरल के अलाप्पुझा में हुई गिरफ्तारी

मुकेश कुमार

  • अलाप्पुझा,
  • 31 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST

केरल के अलाप्पुझा में सीबीआई ने एक बीएसएफ कमांडेंट को 47 लाख रुपये के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. बीएसएफ के 83वें बटालियन का कमांडेंट जिबू डी मैथ्यू पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात था. उसे एक्सप्रेस ट्रेन से घूस के रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया है. इसकी जांच की जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई को गुप्त सूचना मिली थी कि अलाप्पुझा में शालिमार एक्सप्रेस ट्रेन से भ्रष्टाचार में लिप्त बीएसएफ का एक अफसर आ रहा है. सीबीआई की सात सदस्यीय टीम प्लेटफॉर्म पर पहले से ही मौजूद थी. कमांडेंट जिबू डी मैथ्यू जैसे ही ट्रेन से उतरा सीबीआई ने धर दबोचा. उसके हाथ में एक ब्रीफकेस था.

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सीबीआई ने उससे उस ब्रीफकेस को खोलने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया. सीबीआई की टीम आरोपी को लेकर होटल पहुंची. वहां पूछताछ के दौरान बैग खुलवाया गया, तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं. सीबीआई को बैग से 45 लाख रुपये की नई करेंसी मिली, जिसे मशीन से गिनती करना पड़ा.

उधर, मध्य प्रदेश के इंदौर में खुद को लोकायुक्त पुलिस का अफसर बताकर एक कर्मचारी से 11 हजार रुपये की घूस ले रहे स्कूल के लेखपाल को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने रंगे हाथों पकड़ लिया. पकड़ा गया लेखपाल अगले साल सेवानिवृत्त होने वाला है. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया.

लोकायुक्त पुलिस के अधीक्षक दिलीप सोनी ने बताया कि जिले के मोरोद गांव में आदिम जाति-जनजाति कल्याण विभाग के आवासीय स्कूल के लेखपाल केके दुबे (50) को सरकारी प्रेस के क्लर्क विक्रम शर्मा से घूस लेते महू नाका क्षेत्र में रंगे हाथों पकड़ा गया. उसने ख्रुद को लोकायुक्त पुलिस का अफसर बताते हुए शर्मा को धमकाया था.

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उससे कहा था कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की बड़ी फाइल बन गयी है. इन काल्पनिक शिकायतों को रफा-दफा करने के बदले स्कूल के लेखपाल ने सरकारी प्रेस के क्लर्क से पहले पांच लाख रुपये की घूस मांगी, लेकिन बाद में वह केवल 11 हजार रुपये की रकम पर राजी हो गया. इसी बीच बिक्रम ने शिकायत कर दी.

लोकायुक्त पुलिस ने जब केके दुबे को रिश्वत लेते पकड़ा, तो वह खुद को लोकायुक्त पुलिस का अफसर बताकर रौब दिखाने लगा. लेकिन जब उसे असलियत का पता चला, तो उसकी हेकड़ी हवा हो गयी. वह लोकायुक्त पुलिस के अफसरों के सामने गिड़गिड़ाने लगा. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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