वतन लौटने के इच्छुक ब्रिटिश जिहादियों को जान से मारने की धमकी दे रहा है IS

इस्लामिक स्टेट (आईएस) की लड़ाई में शामिल होना ब्रिटिश मुस्लिम चरमपंथी पर भारी पड़ रहा है. इन जिहादियों के घर लौटने की इच्छा जताने पर आतंकी संगठन आईएस की ओर से जान से मारने की धमकी दी जा रही है.

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aajtak.in

  • लंदन,
  • 26 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST

इस्लामिक स्टेट (आईएस) की लड़ाई में शामिल होना ब्रिटिश मुस्लिम चरमपंथी पर भारी पड़ रहा है. इन जिहादियों के घर लौटने की इच्छा जताने पर आतंकी संगठन आईएस की ओर से जान से मारने की धमकी दी जा रही है.

'गार्जियन' अखबार की खबर के मुताबिक, 'कई ऐसे ब्रिटिश नागरिक हैं जिन्हें उस वक्त प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जान से मारने की धमकी दी जाती है जब वे वापस लौटना चाहते हैं.' गुआंतानामो बे में बंदी के तौर पर रह चुके मुअज्जम बेग ने पुष्टि कर बताया कि वह भी ऐसे दर्जनों ब्रिटिश नागरिकों को जानता है जो अपने वतन लौटने के इच्छुक हैं पर वे सीरिया और इराक में फंसकर रह गए हैं.

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सीरिया में पोर्ट्समाउथ के एक और मुस्लिम युवक हसन की हत्या के बाद यह रिपोर्ट आई है. हसन 'पॉम्पी लैड्स' के नाम से चर्चित छह लोगों के उस समूह में शामिल था जिसके चार लोग मारे जा चुके हैं. वे आईएस के लिए लड़ाई लड़ने की खातिर गए थे.

आईएसआईएस अल-कायदा से अलग हुआ एक संगठन है और उसने सीरिया व इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया है. आतंकवादी संगठन के नेता अबु बक्र अल-बगदादी ने खुद को ‘खलीफा’ घोषित कर लिया है और आईएसआईएस का नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट कर दिया है.

-इनपुट भाषा से

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