पीएम मोदी पर राउत का निशाना, कहा- भूखा रहकर घुसपैठियों से कैसे लड़ेगी सेना

चीन पाकिस्तान से ज्यादा खतरनाक है. भारत के पूर्वी हिस्से में चीन लगातार घुसपैठ कर रहा है. लेकिन पीएम की मजबूरी यह है कि चीन के खिलाफ बोलने पर उन्हें वोट नहीं मिलेगा.

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संजय राउत, शिवसेना नेता (पीटीआई) संजय राउत, शिवसेना नेता (पीटीआई)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 02 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

  • राउत ने कहा, भूखे पेट पाकिस्तान को धूल कैसे चटाएगी फोर्स
  • मोदी वोट के लिए पाकिस्तान की करते हैं बात, चीन को कर रहे इग्नोर

देशभक्ति के मुद्दे पर अब शिवसेना, बीजेपी को घेरती नजर आ रही है. शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि जिन सुरक्षाबलों के दम पर पीएम मोदी पाकिस्तान को धूल चटाने की बात कहते हैं, अगर उनको राशन ही नहीं मिलेगा तो वो लड़ेंगें कैसे? शिवसेना सांसद ने मोदी सरकार पर पैरामिलिट्री फोर्स के राशन भत्ता लटकाने का आरोप लगाया है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी पर हमला करते हुए संजय राउत ने कहा है कि पिछले 8-10 दिनों से प्रधानमंत्री पाकिस्तान को धूल-चटाने की बात कर रहे हैं. लेकिन जो ऐसा करेगा, उन्हें राशन भत्ता ही नहीं दिया जा रहा है.

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एक समाचार का हवाला देते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा, 'असली लड़ाई बॉर्डर पर नहीं देश के अंदर है. लड़ाई आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी से है, जिसका असर पैरामिलिट्री फोर्सेस पर भी पड़ रहा है. सरकार के पास 95,000 पैरामिलिट्री फोर्सेस के राशन के लिए भी पैसे नहीं है. ये वहीं सुरक्षाकर्मी हैं जो घुसपैठ को रेकते हैं और घुसपैठिए को पकड़ते हैं. कोई भूखा रहकर कैसे लड़ सकता है.'

दरअसल खबर में कहा गया है कि पिछले चार महीने में दूसरी बार पैरामिलेट्री फोर्सेस को 3,600 रुपये का राशन भत्ता और बच्चों की शिक्षा के लिए मिलने वाला भत्ता नहीं मिला है.

राउत ने पीएम मोदी पर पाकिस्तान के नाम पर देशवासियों को बरगलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का भाषण उत्साह से भऱा हुआ था लेकिन उनकी सोच पाकिस्तान से आगे नहीं बढ़ पा रही है. चीन पाकिस्तान से ज्यादा खतरनाक है. भारत के पूर्वी हिस्से में चीन लगातार घुसपैठ कर रहा है. भगवा नेपाल का रंग अब लाल (कम्युनिस्ट) हो चुका है. लेकिन हिंदुत्व सरकार को यह बर्दाश्त है. असल में भारत के लिए पाकिस्तान ज्यादा बड़ी चुनौती है. लेकिन उनकी मजबूरी यह है कि चीन के खिलाफ बोलने पर उन्हें वोट नहीं मिलेगा.

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जाहिर है बीजेपी और शिवसेना दोनों समय-समय पर देशभक्ति का मुद्दे उठाती रही है. लेकिन एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद शिवसेना बीजेपी को इसी मुद्दे पर घेरने की फिराक में है.

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