फांसी के विरोध में उतरे BJP सांसद वरुण गांधी, कहा- भारत में नहीं होनी चाहिए सजा-ए-मौत

1993 मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी के बाद बीजेपी सांसद वरुण गांधी सजा-ए-मौत के विरोध में उतर गए हैं. वरुण गांधी ने एक अंग्रेजी पत्र‍िका में लिखे लेख में कहा कि 75 फीसदी मौत की सजा गरीब और कमजोर तबकों को मिलती है.

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बीजेपी सांसद वरुण गांधी (फाइल फोटो) बीजेपी सांसद वरुण गांधी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

1993 मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी के बाद बीजेपी सांसद वरुण गांधी सजा-ए-मौत के विरोध में उतर गए हैं. वरुण गांधी ने एक अंग्रेजी पत्र‍िका में लिखे लेख में कहा कि 75 फीसदी मौत की सजा गरीब और कमजोर तबकों को मिलती है.

'94 फीसदी मौत की सजा दलितों को'
वरुण ने बाकायदा आंकड़ों की मदद से फांसी की सजा पर सवाल उठाए और लिखा कि 94 फीसदी मौत की सजा दलितों और अल्पसंख्यकों को दी गई है. उनके मुताबिक, भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मौत की सजा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.

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फांसी मानवाधिकार का मुद्दा: वरुण
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण का कहना है कि फांसी की सजा कानून में कोई नुस्खा नहीं है, बल्कि ये मानवाध‍िकार का मुद्दा है. उन्होंने लिखा, 'सजा-ए-मौत के कई विकल्प हैं. लंबी सजा में काफी वक्त तक पैरोल पर विचार किए बगैर सजा दी जा सकती है. अमेरिका में ऐसा दशकों से चल रहा है.'

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