स्पीकर दफ्तर के बाहर धरना
बीजेपी विधायक ने कहा कि बीएसपी विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के फैसले को उन्होंने स्पीकर के पास चुनौती दी. लेकिन स्पीकर ने काफी समय बाद मदन दिलावर की याचिका को खारिज कर दिया.
बीजेपी विधायक के मुताबिक जब वो स्पीकर से उनके फैसले की कॉपी मांगने गए तो उन्हें कॉपी नहीं दी गई. इसके विरोध में वह विधानसभा में स्पीकर के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे हैं.
मदन दिलावर ने कहा कि यह नियमों के अनुरूप नहीं है कि किसी पार्टी के विधायकों को स्पीकर अपनी पार्टी में शामिल कर लें.
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संविधान का सत्र बुलाना राज्यपाल का विशेषाधिकार
वहीं राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि यह राज्यपाल का विशेषाधिकार होता है कि वह कब विधानसभा का सत्र बुलाए. संविधान में ऐसा नहीं लिखा गया है कि राज्यपाल कितने समय में विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं.
कांग्रेस के मन में पाप-पूनिया
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह नहीं कह रही है कि हम बहुमत साबित करने के लिए सत्र बुलाना चाहते हैं. पूनिया ने कहा, "दरअसल इनके मन में पाप है और यह चाहते हैं कि कांग्रेस के बागी गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करवा दें और इसीलिए कोरोना वायरस पर पर चर्चा करने के नाम से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं."
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प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का कांग्रेस में विलय हो नहीं सकता है. इस तरह के कई फैसले आए हैं कि राष्ट्रीय पार्टी के विधायकों का किसी राज्य में विलय नहीं किया जा सकता है.
HC ने भी मांगी फैसले की कॉपी
इस बीच राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के महाधिवक्ता से कहा है कि बसपा विधायकों को लेकर विधानसभा स्पीकर का क्या फैसला है?
शरत कुमार