बिहार: परिवहन हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, यूनियनों में मतभेद

केंद्र सरकार की सड़क सुरक्षा विधेयक के खिलाफ देशभर में ऑटो, टैक्सी और बस संचालकों की एक दिवसीय हड़ताल का असर गुरुवार को राजधानी पटना सहित बिहार के कई क्षेत्रों में रहा.

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aajtak.in

  • पटना,
  • 30 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

केंद्र सरकार की सड़क सुरक्षा विधेयक के खिलाफ देशभर में ऑटो, टैक्सी और बस संचालकों की एक दिवसीय हड़ताल का असर गुरुवार को राजधानी पटना सहित बिहार के कई क्षेत्रों में रहा.

पटना में अन्य दिनों की तुलना में कम ऑटो चल रहे हैं, वहीं कई स्थानों पर बसें भी नहीं चलीं. नेपाल में भूंकप और बिहार में आए तूफान की तबाही को देखते हुए बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने इस बंद को खुद से अलग रखा. राजधानी में ऑटो और बसें नहीं चलने के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और बस के अभाव में यात्रियों को भी परेशानी झेलनी पड़ी.

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राजधानी पटना में कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने चल रहे वाहनों को निशाना भी बनाया. वैशाली, मुजफ्फरपुर, रोहतास, सीवान में भी अन्य दिनों के तुलना में वाहन कम चले. ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन की बिहार इकाई और ऑटो रिक्शा चालक संघ ने बंद को पूरी तरह सफल बताया. ऑटो चालक संध के अध्यक्ष नवीन मिश्रा ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया है.

सड़क सुरक्षा विधेयक के खिलाफ बुधवार मध्य रात्रि से कई परिवहन संगठनों ने चक्का जाम और हड़ताल की घोषणा की है. बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि नेपाल में आए भूकंप और बिहार में आए तूफान के कारण संगठन इस हड़ताल से अलग है. उनका मामना है कि हड़ताल से प्रभावितों को राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कत आ सकती है.

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-इनपुट IANS से

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