बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के क्षेत्र में ही स्वास्थ्य सुविधाओं का हार बेहाल है. ऐसे में पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सारण जिले के छपरा स्थित सबसे बड़े सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की यह बदतर तस्वीर उस समय सामने आई, जब विधानसभा की जांच टीम निरीक्षण करने पहुंची.
यह आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के नीतीश सरकार के दावों की भी पोल खोलती है. जांच टीम के सामने ही अस्पताल में बंदर भी घूमता नजर आया. टीम के सामने ही आनन-फानन में स्वीपर अस्पताल की सफाई करती नजर आई.
जांच टीम ने अस्पताल में मरीजों को दिया जाने वाला घटिया खाना भी अपनी आंखों से देखा. इस दौरान अस्पताल के वार्डों में गंदगी भी नजर आई. जांच टीम ने इस बदतर स्थिति के लिए सरकार से रिपोर्ट भेजने की बात कही. इस दौरान जांच टीम ने चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों की भी जमकर क्लास लगाई.
बुधवार दोपहर विधानसभा की जांच टीम छपरा पहुंची. इस जांच टीम में विधायक यदुनंदन राय, पूर्व मंत्री शिवचन्द्र राम और विधायक राजकुमार राय शामिल रहे. जब जांच टीम छपरा के सदर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची, तो चिकित्सक भी ड्यूटी से नदारत रहे. सफाई और अन्य व्यवस्थाएं भी बेहद खराब रहीं. टीम ने आईसीयू, बर्न वार्ड, महिला वार्ड, सर्जिकल वार्ड का गहन निरीक्षण किया.
जांच टीम के मुताबिक इस जिले के अस्पताल की स्थिति तब इतनी खराब है, जब यहां के प्रभारी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री है. विधानसभा जांच समिति के सभापति यदुनंदन राय ने कहा कि यह किसी भी एंगल से अस्पताल नहीं नजर आ रहा है. महिला वार्ड में पुरुष हैं. अभी तीन बजे हम लोगों के आने की आहट पर झाड़ू लगाया जा रहा है. भोजन से मरीज संतुष्ट नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में मरीजों को दिया जाने वाला खाना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. यहां की व्यवस्था से हम लोग पूरी तरह असंतुष्ट हैं. अस्पताल में चारो ओर गंदगी की भरमार है. प्रतिनियुक्त चिकित्सक ड्यूटी से गायब हैं. यह स्थिति तब है, जब यहां के प्रभारी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री है. यह पहला मामला नहीं है, जब बिहार में अस्पतालों की इतनी बदतर तस्वीर सामने आई है. इससे पहले मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में मरीजों के बेड पर कुत्ते सोते हुए नजर आ रहे हैं.
राम कृष्ण / सुजीत झा