बिहार में इसलिए किया गया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बालू माफियों का संबंध आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से है. अरबों के इस अवैध खनन से माफिया आरजेडी में फंडिंग करते हैं. सुशील मोदी ने इसके सबूत होने का दावा करते हुए जल्द ही खुलासा करने की बात कही.

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बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल

सुजीत झा

  • पटना,
  • 01 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

बिहार में नई सरकार आने के बाद भारी तादाद में हुए प्रशासनिक तबादले ये संकेत देते हैं कि सरकार भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति के मामले में कोई कोताही नहीं बरतने जा रही है. सरकार ने कई जिलों के डीएम और एसपी का तबादला किया है.  खासतौर पर उन जिलों का जहां अपराध का ग्राफ काफी बढ़ा हुआ है.

 

कई जिलों में अधिकारियों की बालू माफिया से सांठगांठ की खबर भी थी, लेकिन राजनैतिक दबाव की वजह से महागठबंधन सरकार में पिछले डेढ़ सालों में ऐसे अधिकारियों का तबादला नहीं किया गया. इस संबंध में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अधिकारियों में संदेश देने के लिए यह जरूरी था.

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बीजेपी के साथ नई सरकार गठन के 5 दिन के अंदर ही नीतीश कुमार ने 28 आईएएस और 44 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. इस सबसे बडे प्रशासनिक फेरबदल में के.के पाठक को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्हें अवैध खनन और बालू माफियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियुक्त किया गया है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बालू माफियों का संबंध आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से है. अरबों के इस अवैध खनन से माफिया आरजेडी में फंडिंग करते हैं. सुशील मोदी ने इसके सबूत होने का दावा करते हुए जल्द ही खुलासा करने की बात कही.

 

प्रशासनिक फेरबदल में 7 जिलों के डीएम और 14 जिलों के एसपी बदले गए हैं. इनमें पूर्वी चंपारण , भोजपुर, बक्सर, बांका और लखीसराय शामिल हैं. जबकि अपराध के बढ़ते ग्राफ में समस्तीपुर, छपरा,  बेगूसराय, जहानाबाद, अररिया, नालंद सिटी, एसपी गया और पटना के दो सिटी एसपी का तबादला किया गया है.

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