शीना मर्डर केस में मुंबई पुलिस के सामने आई बड़ी चुनौती

शीना मर्डर केस के तीनों आरोपियों यानी इंद्राणी मुखर्जी, संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय की पुलिस हिरासत सोमवार को खत्म हो रही है. अब पुलिस तीनों को सोमवार को दोबारा अदालत में पेश करेगी और तब पता चलेगा कि इस केस से जुड़े वो कौन-कौन से सबूत हैं जो पुलिस ने बरामद किए हैं.

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कब सुलझेगी शीना मर्डर केस की गुत्थी? कब सुलझेगी शीना मर्डर केस की गुत्थी?

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 31 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 5:18 AM IST

शीना मर्डर केस के तीनों आरोपियों यानी इंद्राणी मुखर्जी, संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय की पुलिस हिरासत सोमवार को खत्म हो रही है. अब पुलिस तीनों को सोमवार को दोबारा अदालत में पेश करेगी और तब पता चलेगा कि इस केस से जुड़े वो कौन-कौन से सबूत हैं जो पुलिस ने बरामद किए हैं.

इसके साथ ही पुलिस की वो कौन-कौन सी कमजोर कड़ियां हैं जिन्हें अभी मजबूत किया जाना बाकी है. आखिर अभी तक पुलिस के हाथ कौन-कौन से सबूत लगे हैं और किन-किन सबूतों की तलाश बाकी है, यह भी बड़ा सवाल है.

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शीना मर्डर से जुड़े बड़े सवाल
- क्या शीना मर्डर केस ओपन एंड शट केस है?
- क्या मुंबई पुलिस ने इस केस से जुड़े तमाम सबूत हासिल कर लिए हैं?
- क्या शीना के कत्ल के मुख्य आरोपी वही तीनों हैं जो मुंबई पुलिस बता रही है?
- क्या मुंबई पुलिस ने कत्ल का मक़सद पता लगा लिया है?
- क्या अदालत में पुलिस की थ्योरी टिक पाएगी?

सोमवार को शीना मर्डर केस के तीनों मुख्य आरोपियों पुलिस कस्टडी खत्म हो रही है और इसीलिए ये सारे सवाल बेहद अहम हो जाते हैं. अहम इसलिए क्योंकि मंबई पुलिस को सोमवार को अदालत में बताना पड़ेगा कि आखिर अब तक की तफ्तीश और पुलिस हिरासत में पूछताछ के बाद उसने क्या कुछ हासिल किया है? पुलिस के जवाब के बाद ही फिर अदालत ये तय करेगी कि तीनों आरोपियों की पुलिस हिरासत की मियाद और बढ़ाई जाए या फिर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाए.

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कोर्ट को बतानी पड़ेगी ठोस वजह
ड्राइवर श्यावर राय 21 अगस्त से पुलिस हिरासत में है. इंद्राणी मुखर्जी 25 अगस्त से जबकि संजीव खन्ना 27 अगस्त को ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता से मुंबई ला गया था. जाहिर है मुंबई पुलिस अभी तक कत्ल के मकसद तक नहीं पहुंच पाई है. इसीलिए सोमवार को अदालत से वो तीनों की पुलिस हिरासत की मियाद बढ़ाने की मांग करेगी. मगर इसके लिए उसे अदालत को ठोस वजह बतानी होगी.

अब तक की तफ्तीश में पुलिस के हाथ जो सबूत लगे हैं वो ये हैं....
1. रायगढ़ के जंगल में श्यामवर राय की बताई जगह से बरामद शीना की लाश के कुछ हिस्से. जिनमें सिर के बाल, नाखुन, दांत, खोपड़ी का कुछ हिस्सा और हड्डियां शामिल हैं.
2. उस कार का सुराग जिसमें 24 अप्रैल को शीना की लाश मुंबई से रायगढ़ ले जाई गई थी. हालांकि कार की बरामदगी अभी बाकी है.
3. देहरादून में राहुल के घर से बरामद शीना का पासपोर्ट. जो साबित करेगा कि इंद्राणी ने शीना के अमेरिका जाने की बात झूठ कही थी.
4. ड्राइवर श्यामवर राय का बयान. उसकी बताई जगह से शीना की लाश के टुकड़े मिलना.
5. राहुल मुखर्जी का 24 अप्रैल 2012 को आखिरी बार शीना को इंद्राणी के साथ देखना. उसके बाद शीना का गायब हो जाना और फिर राहुल का पुलिस में शीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने की कोशिश करना.
6. 24 अप्रैल को श्यामवर राय, इंद्राणी और संजीव खन्ना के मोबाइल का लोकेशन एक साथ उसी जगह दिखाना जहां आखिरी बार राहुल ने शीना को देखा था.
7. 24 अप्रैल को संजीव खन्ना की मुंबई में मौजूदगी. संजीव खन्ना का इंद्राणी के घर के करीब होटल हिलटॉप में रुकना और 25 अप्रैल 2012 को सुबह-सुबह चार बजे होटल से चेक आउट करना.
8. शीना के भाई मिखाइल का ये बयान कि 24 अप्रैल को शीना ने उसे भी जान से मारने की कोशिश की थी.
9. शीना के फर्जी दस्तखत कर रिलायंस कंपनी को उसका इस्तीफा भेजने वाली महिला का कलमबंद बयान.
10. कत्ल वाले दिन इंद्राणी और संजीव खन्ना के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत के 12 कॉल डिटेल्स.

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ये अब तक के वो सबूत हैं जो पुलिस ने जुटाए हैं. मगर इन सबूतों में कई खामियां भी हैं. कई कमजोर कड़ी भी हैं. मुंबई पुलिस के लिए ये केस इतना आसान नहीं है. हाल के समय में ऐसे कई केस हुए हैं जिनमें पुख्ता सबूतों के न होने की वजह से अदालत में मुंबई पुलिस की काफी किरकिरी हुई है. फिर ये मामला हाई प्रोफाइल भी है. इसलिए इस केस को राकेश मारिया का एसिड टेस्ट कहें तो गलत नहीं होगा. शीना के कत्ल के तीन मुल्जिम हैं. तीनों पुलिस हिरासत में हैं. तीनों से ही लगभग एक जैसे सवाल पूछे जा रहे हैं. पर तीनों ही अलग-अलग जवाब दे रहे हैं. इंदाणी तो पूछताछ के दौरान कई बार पुलिस वालों के सामने रो भी पड़ी. वो बार-बार यही कह रही है कि शीना उसे पसंद नहीं थी मगर उसने उसे नहीं मारा.

इंद्राणी मुखर्जी का शीना के कत्ल से इंकार
ड्राइवर श्यामवर राय का कहना है कि 24 अप्रैल 2012 को वो इंद्राणी की कार जरूर चला रहा था. मगर उसने शीना का कत्ल नहीं किया. बल्कि शीना का कत्ल इंद्राणी ने गला घोंट कर किया और संजीव खन्ना ने शीना के दोनों हाथ पकड़े थे. संजीव खन्ना का कहना है कि वो कार में जरूर था. मगर उसने शीना का हाथ नहीं पकड़ा . बल्कि वो तो कार में सो रहा था. जब उठा तो देखा कि शीना मर चुकी है. इंद्राणी का कहना है कि शीना से वो नफरत जरूर करती थी. मगर उसने शीना का खून नहीं किया. वो बेकसूर है. पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले पांच दिनों में एक बार भी इंद्राणी ने इकबाल-ए-जुर्म नहीं किया है. और न ही पुलिस उससे कुछ उगलवा सकी है.

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पिछले पांच दिनों की पूछताछ में इंद्राणी लगातार पुलिस को घुमा रही है. वो कत्ल के अलावा खुद अपने परिवार और रिश्तों के बारे में भी अलग-अलग बयान दे रही है. पूछताछ के दौरान पुलिस ने जब संजीव खन्ना और श्यामवर राय से उसका आमना-सामना कराया तो कई बार वो उन दोनों पर भी भड़क पड़ी. पूछताछ के दौरान कई बार वो अपने वकील को बुलाने की भी जिद करती. इंद्राणी कई बार पुलिस वालों से ये भी पूछ चुकी है कि क्या पीटर मुखर्जी उनसे मिलने थाने आए थे? उसने दो-तीन बार फोन पर पीटर से बात कराने की भी गुजारिश की.

शीना से बात कराने का भी किया था दावा
पुलिस हिरासत में इंद्राणी को चौबीसों घंटे सख्त निगरानी में रखा जा रहा है. उसे कभी तन्हा नहीं छोड़ा जाता. हर वक्त कोई ना कोई महिला पुलिसकर्मी उसके आसपास ही होती. सूत्रों के मुताबिक आम तौर पर इंद्राणी सामान्य बर्ताव कर रही है. पर कभी-कभी अचानक वो गुस्सा भी होती और रोने भी लगती. 25 अगस्त को इंद्राणी को जब पहली बार गिरफ्तार किया गया और उससे पूछताछ शुरू हुई तब वो काफी बेफिक्र थी. शुरुआत में लगातार यही कहती रही कि शीना जिंदा है और अमेरिका में है. उसने पुलिस को अमेरिका में शीना के मोबाइल नंबर देने और उससे बात कराने का भी दावा किया. मगर फिर जैसे ही श्यामवर राय से पहली बार उसका आमना-सामना कराया गया वो परेशान हो गई. जबकि दूसरी तरफ संजीव खन्ना के बारे में पुलिस का कहना है कि वो अभी तक पूछताछ में पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहा है और उसका बर्ताव भी पूरी तरह सामान्य है. लेकिन संजीव पर भी पुलिस की चौबीसों घंटे निगरानी है.

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संजीव खन्ना ने पूछताछ के दौरान कई बार पछताते हुए ये कहा कि वो सिर्फ अपनी बेटी विधि की वजह से आज यहां है. वो विधि से बहुत प्यार करता है और इसीलिए वो इंद्राणी के बहकावे में आ गया. मगर इंद्राणी के खिलाफ फिर भी वो खुल कर कुछ नहीं बोल रहा. उधर पुलिस हिरासत की मियाद खत्म होने से पहले रविवार को पुलिस संजीव खन्ना और श्यामवर राय को लेकर रायगढ़ के जंगल पहुंची. दरअसल इन दोनों को आमने-सामने रख कर पुलिस 24 अप्रैल 2012 की पूरी कहानी को री-कंस्ट्रक्ट करने की कोशिश कर रही थी. सवाल ये भी है कि क्या रायगढ़ के जंगल से इंसानी लाश के जो हिस्से मिले हैं वो शीना के ही हैं? जाहिर है इसका खुलासा डीएनए टेस्ट के बाद ही होगा. लेकिन इस केस का सारा दारोमदार उसी डीएनए रिपोर्ट पर ही है.

ये भी सवाल हैं अनसुलझे
- क्या रायगढ़ के जंगल से मिले लाश के टुकड़े शीना के ही हैं?
- क्या ड्राइवर श्यामवर राय सब सच कह रहा है?
-अगर मुकदमे के दौरान अदालत में ड्राइवर अपने बयान से पलट गया तो क्या होगा?
- कत्ल के तीनों आरोपियों के अलावा क्या इस केस का कोई और चश्मदीद है?
- क्या पुलिस के पास कत्ल का मकसद है?

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ये सारे सवाल शीना मर्डर केस के तीनों आरोपियों को नहीं बल्कि पुलिस को परेशान करने वाले हैं. मुंबई पुलिस 21 अगस्त यानी जब से श्यामवर राय गिरफ्तार हुआ है तभी से केस की गहराई से तफ्तीश में जुटी है. उसी के बयान के बाद पहले इंद्राणी और संजीव खन्ना को गिरफ्तार किया गया. मगर पुलिस की धड़कनें तब तक तेज़ रहेंगी जब तक कि रायगढ़ से बरामद इंसानी लाश के हिस्सों की डीएनए रिपोर्ट नहीं आ जाती. क्योंकि डीएनए ही ये तय करेगा कि रायगढ़ के जंगल से बरामद अधजली लाश के हिस्से शीना के ही हैं. चूंकि इंद्राणी शीना की मां और मिखाइल भाई है इसलिए पुलिस ने इन दोनों के बालों के भी नमूने लिए हैं ताकि उससे शीना का सैंपल मैच कराया जा सके.

पुलिस की कमजोर कड़ी
1. पुलिस का पूरा केस ड्राइवर श्यामवर राय के बयान पर खड़ा है. अगर श्यामवर अपने बयान से पलट गया तो क्या होगा? क्या इसीलिए पुलिस उसे सरकारी गवाह बनाने की बात से भी इंकार नहीं कर रही?
2. तीन साल बाद वो कार मिल भी जाए तो उसमें से क्या सबूत मिलेंगे? क्योंकि उस कार में लाश ले जाते देखने वाला कोई चश्मदीद नहीं है.
3. राहुल का बयान अपने आप में घुमाने वाला है. जब उसे पता था कि शीना का पासपोर्ट उसी के पास है तो फिर शीना के अमेरिका जाने की बात सुनते ही उसने पुलिस को वो शीना का पासपोर्ट क्यों नहीं दिखाया?
4. शीना के भाई मिखाइल के बयान को लेकर भी सवाल खड़ा होता है. अगर 24 अप्रैल 2012 को उसे भी इंद्राणी ने जान से मारने की कोशिश की थी तो उसने ये बात तभी पुलिस को क्यों नहीं बताई? शीना की गुमशुदगी के बाद उसे तभी शक क्यों नहीं हुआ कि शीना को मार दिया गया है? फिर वो पूरे तीन साल खामोश क्यों रहा?
5. शीना के कत्ल से जुड़ा एक भी सीधा सबूत जैसे, शीना के कपड़े, आरोपियों के उंगलियों के निशान और किसी चश्मदीद का न होना.

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जिस तरह इस केस में रिश्तों के पेंच हैं ठीक वैसे ही इसकी तफ्तीश भी कम उलझाने वाली नहीं है. यहां तक कि केस से जुड़ा हर किरदार उलझाने वाला है. अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस कार में शीना का कत्ल हुआ उसमें तीन लोग थे. पर तीनों के ही सुर एक साथ नहीं लग रहे. जाहिर है पूरा केस सिर्फ और सिर्फ सरकम्सटैंसियल एविडेंस यानी परिस्थिजन्य सबूत और ड्राइवर के बयान पर खड़ा है. पर अदालत में आरोपियों को मुल्जिम से मुजरिम साबित करने के लिए ये काफी नहीं है. इसके लिए पुलिस को और ठोस सबूत के साथ-साथ वो मकसद भी सामने लाना जरूरी है जिसकी वजह से शीना का कत्ल हुआ.

तो ये राकेश मारिया का आखिरी केस होगा?
मामला हाई प्रोफाइल है और ये बात मुंबई पुलिस और खास तौर पर कमिश्नर राकेश मारिया को भी अच्छी तरह मालूम है. फिर बहुत मुमकिन है कि राकेश मारिया के मुंबई पुलिस कमिश्नर के तौर पर ये आखिरी कोई बड़ा केस हो. क्योंकि मारिया का कार्यकाल 30 सितंबर को बतौर पुलिस कमिश्नर खत्म हो रहा है. इसके बाद उनका प्रोमोशन हो जाएगा. लिहाजा राकेश मारिया भी नहीं चाहेंगे कि उनका आखिरी केस उनके करियर पर बट्टा लगाए. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस केस को लेकर राकेश मारिया इतना ज्यादा संजीदा हैं कि तीस सितंबर से पहले ही वो चार्जशीट तैयार कर अपनी मौजूदगी के दौरान ही उसे अदालत में दाखिल करना चाहते हैं.

पुलिस को पता है किसी एक शख्स के बयान पर पूरा केस नहीं टिक पाएगा. इसीलिए पुलिस ड्राइवर श्यामवर राय का 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान कराने की तैयारी कर रही है. ताकि बाद में वो पलट ना सके. राहुल के बारे में पुलिस का कहना था कि जब शीना के अमेरिका जाने की बात और रिश्ता तोड़ने वाले शीना के एसएमएस पढ़ने के बाद शुरू में राहुल को लगा था कि शायद शीना की जिंदगी में कोई और आ गया हो. इसलिए भी उसने शीना को ढूंढने की ज्यादा कोशिश नहीं की. पुलिस राहुल का भी 164 के तहत बयान दर्ज कराने की कोशिश कर रही है.

इस वजह से इंद्राणी से डरता था मिखाइल
मिखाइल के बारे में पुलिस का कहना है कि 24 अप्रैल 2012 को मुंबई आने के लिए मिखाइल को पैसे और एयर टिकट इंद्राणी ने ही दिए थे. इस बारे में ईमेल और टिकट भी पुलिस ने बरामद कर ली है. मिखाइल को इंद्राणी ने पांच साल पहले एक मानसिक अस्पताल में भी भर्ती कराने की कोशिश की थी. उसी के बाद से मिखाइल इंद्राणी से डरने लगा . इसीलिए मिखाइल ने शीना की गुमशुदगी के बारे में इंद्राणी से कभी पूछने की हिम्मत नहीं की.

पुलिस का कहना है कि वो कत्ल के मकसद के बहुत करीब तक पहुंच चुकी है. बस केस से जुड़े किरदारों के बयान की तस्दीक होते ही वो मकसद भी आम कर देगी. पुलिस का दावा है कि जिस तरह से केस की तफ्तीश की गई है और अब तक जो सबूत सरकम्सटैंसियल एविंडेंस मिले हैं उसके बाद आरोपियों का अदालत से बचना मुश्किल है.

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