मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति पर BHU ने कहा- सबको मिलता है बराबर मौका

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्र भले ही अपने विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं. लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन नियुक्ति को लेकर अपने रुख पर कायम है. बीएचयू प्रशासन का कहना है कि सेलेक्शन कमेटी सभी को बराबर का मौका देती है, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति, समुदाय और जेंडर का  क्यों ना हो.

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (फोटो-IANS) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (फोटो-IANS)

aajtak.in

  • वाराणसी,
  • 15 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:07 PM IST

  • संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति का प्रशासन ने किया बचाव
  • कहा- सभी धर्म, जाति, समुदाय और जेंडर को मिलता है समान अवसर

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्र भले ही अपने विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन नियुक्ति को लेकर अपने रुख पर कायम है. बीएचयू प्रशासन का कहना है कि सेलेक्शन कमेटी सभी को बराबर का मौका देती है, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति, समुदाय और जेंडर का क्यों ना हो.

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विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से यह स्पस्ष्टीकरण तब आया है जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में अस्सिटेंट प्रोफेसर के तौर पर फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध कर रहा है. 

BHU: संस्कृत पढ़ा रहे मुस्लिम शिक्षक का विरोध, धरने पर बैठे छात्र

जारी बयान में विश्वविद्यालय की तरफ से कहा गया है कि प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सेलेक्शन कमेटी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुसार सर्वसम्मति से उक्त उम्मीदवार के चयन की अनुशंसा की है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार बयान में कहा गया है कि कुलपति राकेश भटनागर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने 5 नवंबर को मुलाकात की और साक्षात्कार में आवदेक के प्रदर्शन को देखते हुए इस पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार की अनुशंसा की.

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बता दें कि कुछ छात्र संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान (एसवीडीवी) के साहित्य संकाय में खान के चयन के विरोध में कुलपति के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं. कुलपति और वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से दो घंटे से अधिक समय तक बातचीत की थी.

कुलपति ने छात्रों को आश्वासन दिया था कि प्रशासन धर्म, जाति, समुदाय अथवा लैंगिक भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति को शिक्षा तथा शिक्षण के समान अवसर उपलब्ध कराने के विश्वविद्यालय के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है. भटनागर ने दोहराया कि विश्वविद्यालय की चयन प्रक्रिया में बीएचयू एक्ट का पूरा पालन किया जा रहा है. उन्होंने छात्रों से प्रदर्शन समाप्त करने और विश्वविद्यालय के सुगम संचालन में सहयोग देने की अपील की.

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