मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की उपस्थिति में कांग्रेस के 6 नेता आज बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में सांवेर विधानसभा के स्थानीय कांग्रेस नेता हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया गुट के अनुभवी नेता तुलसी सिलावट ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं की बीजेपी में एंट्री कराई है. बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस नेता इस प्रकार है- भारत सिंह चौहान, वर्तमान ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, दिलीप चौधरी, अध्यक्ष, सांवेर नगर परिषद, हुकुम सिंह सांकला, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, इंदौर, ओम सेठ, अध्यक्ष, जिला किसान कांग्रेस और दो अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता.
इंदौर की सांवेर विधानसभा से लगातार 4 बार विधायक रहे तुलसी सिलावट के कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि शिवराज मंत्रिमंडल में इन्हें भी शामिल किया गया है. इन्हें सिंधिया कैंप का सबसे अनुभवी और भरोसेमंद नेता माना जाता रहा है. बीजेपी के अंदर भी इनकी साख तेजी से मजबूत हुई है. दलित चेहरा होने की वजह से भी इन्हें मालवा क्षेत्र के बड़े चेहरों में शुमार किया जाता है.
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विधायकों ने दिया झूठा विश्वास
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वो राज्य में अपनी सरकार इसलिए नहीं बचा सके, क्योंकि पार्टी के कुछ विधायकों ने उन्हें झूठा विश्वास दिया था कि वे कहीं और नहीं जाएंगे. कमलनाथ ने दावा किया कि बीजेपी-सिंधिया गठजोड़ की चालों की पूरी जानकारी होने के बावजूद इस साल मार्च में अपनी सरकार नहीं बचा सके क्योंकि वो झूठे विश्वास में थे.
कमलनाथ ने आजतक के साथ भोपाल में अपने निवास पर खास बातचीत में कहा कि दिन में कई बार फोन पर बात करने वाले विधायकों ने भी पाला बदल लिया. मार्च में कांग्रेस का हाथ छोड़कर अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कमलनाथ ने कहा, “जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का सवाल है, मुझे पता था कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह जुलाई से बीजेपी के संपर्क में हैं. वह इस तथ्य को कभी पचा नहीं पाए कि वह एक लाख से अधिक वोटों से लोकसभा चुनाव हार गए और वो भी उस उम्मीदवार से जो कांग्रेस का साधारण कार्यकर्ता था और जिसे बीजेपी ने अपने पाले में लेकर उनके खिलाफ चुनाव में उतारा था.
सिंधिया अपनी हार के बाद बीजेपी के संपर्क में थे, लेकिन बीजेपी की राज्य इकाई ने उन्हें कभी नहीं चाहा. लेकिन बीजेपी अंततः उन्हें ले गई क्योंकि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश से दूसरी राज्यसभा सीट चाहता था.”
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मध्य प्रदेश उपचुनावों में कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं पर कमलनाथ ने कहा, "यह आंकड़ों का खेल है. अभी हमारे पास 92 विधायक और उनके पास 107 हैं. 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, इसलिए हमें उनमें से कम से कम 15 सीटें बीजेपी के बराबर आने के लिए जीतनी होंगी. फिर बाकी 7 विधायक पिक्चर में आते हैं, जिनमें 4 निर्दलीय, दो BSP और एक SP से हैं. और अभी स्थितियां ऐसी हैं कि हम 15 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. सिंधिया और शिवराज प्रचार करने में समर्थ नहीं हो पाएंगे.”
रवीश पाल सिंह