अब रोजगार के मुद्दे पर 'भागवत' पुराण

नौकरी के मुद्दे पर सरकार और संघ एकमत, कोई शक ? बिल्कुल नहीं.

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आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत

संध्या द्विवेदी / मंजीत ठाकुर

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  • 07 मई 2018,
  • अपडेटेड 3:29 PM IST

सरकार ने इस साल उद्यमिता के जरिए कमाई करने की बात को तरह-तरह से समझाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दोनों ने पकौड़े बेचने की मिसाल पेश की थी.

रोज एक के हिसाब से गलतबयानी करने वाले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने नौजवानों से कहा कि वे सरकारी नौकरियों के पीछे भागने की बजाए गाय का दूध बेचें. अब आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत भी इसमें कूद पड़े हैं.

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29 अप्रैल को उज्जैन में भागवत ने ऐसे कम पढ़े-लिखे चपरासी की मिसाल दी जो धंधा शुरू करके अमीर बन गया. मतलब इस मामले में अब संघ और पार्टी की राय तो एक है, पर नौकरियां तो नहीं आ रही हैं.

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