मोबाइल फोन और एक्सेसरीज पर 10% सीमा शुल्क

घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार ने मोबाइल फोन और  एक्सेसरीज पर 10 फीसदी सीमा-शुल्क लगा दिया है.  सरकार ने ये फैसला जीएसटी लागू होने के महज कुछ देर पहले ही लिया.

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वित्तमंत्री अरूण जेटली वित्तमंत्री अरूण जेटली

केशवानंद धर दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST

घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार ने मोबाइल फोन और एक्सेसरीज पर 10 फीसदी सीमा-शुल्क लगा दिया है.  सरकार ने ये फैसला जीएसटी लागू होने के महज कुछ देर पहले ही लिया.

10 फीसदी सीमा शुल्क आयातित मोबाइल फोन और चार्जर, ईयरफोन, बैटरी, यूएसबी केबल, कीपैड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज पर लागू होगा. हालांकि प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, कैमरा मॉड्यूल, कनेक्टर्स डिस्प्ले असेंबली, टच पैनल, कवर ग्लास असेंबली, वाइब्रेटर मोटर और रिंगर जैसे मोबाइल हिस्सों को साधारण सीमाशुल्क से मिली छूट जारी रहेगी.

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बयान में कहा गया है कि इसका मकसद घरेलू स्तर पर मोबाइल फोन के विनिर्माण को बढ़ावा देना है. इसमें विदेशी कंपनियों के उत्पादों पर घरेलू कंपनियों की तुलना में ज्यादा टैक्स लगाया गया है.

बता दें कि एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी 1 जुलाई से लागू हो गया है. संसद के केन्द्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घंटा बजाये जाने के साथ लागू हो गया.

 

17 साल पुराना इंतजार हुआ खत्म

जीएसटी से देश की 2,000 अरब की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोग सभी एक साथ जुड़ जाएंगे और पूरा देश एक साझा बाजार बन जाएगा. इस समूची प्रक्रिया को पूरा होने में 17 सालों का लंबा समय लगा है. जीएसटी से वर्तमान बहुस्तरीय कर व्यवस्था समाप्त होगी और कर के ऊपर कर लगने से माल की लागत पर बढ़ने वाला बोझ भी समाप्त होगा.

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