गुर्जर आंदोलन: जनता को भड़कानेे पर कर्नल बैंसला के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज

गुर्जर आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के मुखिया कर्नल बैंसला पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. बयाना पुलिस ने बैंसला पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार के खिलाफ काम करने और जनता को भड़काने का आरोप दर्ज किया है.

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आंदोलन पर बैठे गुर्जर नेता आंदोलन पर बैठे गुर्जर नेता

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2015,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST

गुर्जर आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के मुखिया कर्नल बैंसला पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. बयाना पुलिस ने बैसला पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार के खिलाफ काम करने और जनता को भड़काने का आरोप दर्ज किया है. वहीं आरक्षण के मसले पर गुर्जर आंदोलन को देखते हुए अर्धसैनिक बल की 3 कंपनियां राजस्थान भेजी गई हैं.

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बयाना पुलिस ने 21 मई को कर्नल किरोड़ी बैंसला समेंत 2500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किय. पुलिस ने धारा 121, 124 A के अलावा 'अटेंप्ट टू मर्डर' का केस दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई में करीब 5,000 गुर्जर भरतपुर जिले में हिंडन शहर के पास दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक की फिश प्लेट्स को उखाड़ दिया और रेल ट्रैक पर बैठ गए हैं. इसलिए उनपर हत्या की कोशिश का आरोप लगा है.

वहीं राजस्थान सरकार ने धरना-प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को सोमवार 3 बजे सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया है.

गुर्जर आंदोलन और राजनीति
सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर को लेकर पिछले पांच दिनो से आंदोलन जारी है. गुर्जरों को लगता है कि अनुसूचित जनजाति में उन्हें इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि आदिवासी जाति मीणा इसके खिलाफ है. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी गुर्जर हैं और उन्होंने भी गुर्जर समुदाय की नाराजगी को हवा दी है. ओबीसी वर्ग के ज्यादातर पिछड़े समुदाय जाट समुदाय की वजह से दबाव में हैं और इस वजह से वे ओबीसी में विशेष कैटेगरी की मांग कर रहे हैं.

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राजस्थान की मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में गुर्जरों का विरोध-प्रदर्शन हिंसक रहा था. दो साल तक चले उस हिंसक प्रदर्शन में कथित तौर पर 70 लोगों की मौत हुई थी. उस समय भी गुर्जरों ने रेल ट्रैक पर ही बैठकर धरना दिया था. हालांकि बैंसला बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे और उसके टिकट पर 2009 का आम चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. फिर 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था. गुर्जरों में बैंसला का समर्थन कम हुआ है लेकिन वो मुश्किल खड़ी करने में सक्षम हैं. माना जाता है कि वो कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं.

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