दिल्ली के बवाना में शनिवार देर शाम फैक्ट्री में लगी आग की घटना में 17 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अभी तक 12 लोगों के शवों की पहचान हो चुकी है. जिनमें 10 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं.
मृतक महिलाओं की पहचान बेबी देवी (40), अफसाना (35) पत्नी श्री मुख्तार खान, सोनम (23) पुत्री श्री बंतू, रीता (18) पुत्री श्री राजू, मदीना (55) पत्नी श्री नसरुद्दीन, राजो (65) पत्नी श्री सुरेश, धर्मादेवी (45) पत्नी श्री राजू के रूप में हुई है.
बताया जा रहा है कि मरने वाले 17 लोगों में से ज्यादातर अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे और अपने परिवार का पेट पाल रहे थे. जानकारी के मुताबिक घटना में मरने वाली मदीना देवी अपने परिवार की अकेली कमाने वाली थी. बूढ़ी जरूर थीं, लेकिन इसके बावजूद परिवार को रोटी खिलाने का हौसला था और महज़ दो दिन पहले ही वह इस फैक्ट्री में काम करने आई थीं.
वहीं सोनम नाम की महिला 1 दिन पहले इस फैक्ट्री में काम करने आई थी. फैक्ट्री के बाहर मौजूद सोनम की मां का कहना है कि उन्होंने अस्पताल में अपनी बेटी के शव को पहचान लिया है. मृतका की मां का कहना है कि फैक्ट्री में रंग पैक करने का काम किया जाता था.
वहीं अपनी पत्नी को ढूंढने आए एक शख्स का कहना है कि उनकी पत्नी मुग्धा दो दिन पहले ही फैक्ट्री में काम करने आई थी. शनिवार शाम साढ़े सात बजे तक जब वह घर नहीं आई तो उन्होंने ढूंढ़ना शुरू किया. पता चला कि उसकी मौत हो गई है.
वहीं फैक्ट्री में काम करने वाली सुषमा नाम की महिला की बेटी का इंडस्ट्रियल एरिया में घटनास्थल पर रो-रोकर बुरा हाल है. सुषमा की इस हादसे में मौत हो गई है.
फॉरेंसिक टीम करेगी जांच
गोपाल राय ने कहा कि बवाना इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्री में हुई मज़दूरों की दर्दनाक मौत के सभी पहलूओं की जांच लेबर डिपार्टमेंट करेगा. जांच के लिए घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम पहुंच गई है.
15 दिन पहले ही किराए पर दी थी फैक्ट्री
जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री तकरीबन 15 दिन पहले ही मुकेश जैन को किराए पर दी गई थी. फैक्ट्री एक महिला के नाम पर रजिस्टर है, जिनके पति की मौत हो चुकी है. फैक्ट्री का जो असली मालिक है वो विश्वास नगर में रहता है.
फैक्ट्री चलाने वाला 1 शख्स गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस का कहना है कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस फैक्ट्री को 2 लोग मिलकर चला रहे थे, जिनके नाम मनोज जैन और ललित गोयल हैं. इनमें से पुलिस ने मनोज जैन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे ललित गोयल की तलाश जारी है.
हालांकि, पुलिस पूछताछ में मनोज जैन ने बताया है कि वह अकेले ही इस फैक्ट्री को चला रहा था. हालांकि पुलिस अभी तफ्तीश कर रही है और हादसे की वजह का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
फैक्ट्री में अवैध रूप से चल रहा था पटाखे का काम
बताया जाता है कि फैक्ट्री में अवैध रूप से पटाखों की पैकेजिंग का काम होता था, जबकि लाइसेंस गुलाल बनाने का था. ढाई सौ गज़ की इस फैक्ट्री के पास लाइसेंस तो गुलाल बनाने का बताया जा रहा है, लेकिन यहां पटाखों की पैकिंग हो रही थी.
चिराग गोठी