बाबरी विध्वंस की सुनवाई में अहम मोड़, दर्ज होगा आडवाणी-जोशी का बयान

92 साल के लाल कृष्ण आडवाणी सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपना बयान जज के सामने दर्ज कराएंगे. सीबीआई की विशेष अदालत के जज एस के यादव ने इस मामले में दोनों नेताओं के बयान दर्ज कराने के लिए तारीख तय की है.

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बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो-पीटीआई) बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो-पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST

  • 24 जुलाई को दर्ज होगा एल के आडवाणी का बयान
  • 31 अगस्त तक पूरी होनी है इस मामले की सुनवाई
  • उमा और कल्याण दर्ज करा चुके हैं अपने बयान
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेता इस सप्ताह अदालत में अपना बयान दर्ज कराएंगे. 24 जुलाई को लालकृष्ण आडवाणी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराएंगे, जबकि 23 जुलाई को पार्टी के दूसरे सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी अपना बयान दर्ज कराएंगे.

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92 साल के आडवाणी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होंगे पेश

92 साल के लालकृष्ण आडवाणी सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपना बयान जज के सामने दर्ज कराएंगे. सीबीआई की विशेष अदालत के जज एस के यादव ने इस मामले में दोनों नेताओं के बयान दर्ज कराने के लिए तारीख तय की है. बताया जा रहा है कि आडवाणी कोर्ट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे.

13 जुलाई को कल्याण सिंह हुए थे पेश

बता दें कि 13 जुलाई को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह सीबीआई के विशेष जज के समक्ष बयान देने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपने आप को निर्दोष बताया था.

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31 अगस्त तक करनी है सुनवाई पूरी

बाबरी विध्वंस मामले में 32 आरोपियों का बयान दर्ज किया जा चुका है. ताकि अगर वे चाहें तो अपनी बेगुनाही साबित कर सकें. अदालत ने शिवसेना के पूर्व सांसद सतीश प्रधान के बयान को दर्ज करने की तारीख 22 जुलाई निर्धारित की है.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की विशेष अदालत रोजाना इस मामले की सुनवाई कर रही है, ताकि इसे 31 अगस्त तक पूरा किया जा सके.

उमा भारती भी हुईं पेश

बीजेपी नेता उमा भारती इस महीने व्यक्तिगत रूप से इस मामले में अदालत के सामने पेश हो चुकी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बदले की कार्रवाई के तहत उनके खिलाफ मुकदमा ठोंका.

अयोध्या में बाबरी मस्जिद 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों द्वारा ढहाई दी गई थी. उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख कर्ता-धर्ता थे.

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