बाबरी मस्जिद केसः SC ने कहा, नहीं बढ़ेगी समयसीमा, 31 अगस्त तक आए फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस साजिश मामले में पिछले साल जुलाई में ही अपने एक आदेश में कहा था कि इस मामले का ट्रायल 9 महीने में पूरा होना है और जब तक इस मामले का ट्रायल पूरा नहीं होता है तब तक जज रिटायर नहीं होंगे.

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अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST

  • बाबरी मस्जिद विध्वंस साजिश केस में 13 लोगों के नाम
  • जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने 9 महीने में फैसला देने को कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस केस की सुनवाई कर रहे लखनऊ की स्पेशल ट्रायल कोर्ट से 31 अगस्त तक केस का निपटारा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने धीमी गति से चल रहे ट्रायल पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि ट्रायल 6 महीने में पूरा किया जाना था, लेकिन अब 9 महीने गुजर गए.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम इस तथ्य से परिचित हैं कि एसके यादव अंतिम निर्णय तक पहुंचने से पहले सभी तरह के प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, पहले एक समयसीमा दी गई और फिर इसे बढ़ाया गया. लेकिन अब सारे प्रयासों और प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और 31 अगस्त तक इस पर फैसला आ जाना चाहिए.

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पहले ही खत्म हो गई समयसीमाः SC

बाबरी मस्जिद विध्वंस साजिश मामले पर फैसला आने में हुई देरी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले पर फैसले के लिए दिया गया समय पहले ही खत्म हो चुका है.

देश की सबसे बड़ी अदालत ने लखनऊ के ट्रायल कोर्ट से कहा कि उसे सबूत संबंधी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा का इस्तेमाल करना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इसमें पहले ही देरी हो चुकी है और अब दी गई समयसीमा आगे नहीं बढ़नी चाहिए. इससे पहले पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से 9 महीने के अंदर फैसला सुनाने को कहा था.

पहले से तय समयसीमा के हिसाब से अप्रैल तक इस मसले पर फैसला देना था, लेकिन अभी सुनवाई की प्रक्रिया जारी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने पिछले जुलाई में ही अपने एक आदेश में कहा था कि इस मामले का ट्रायल 9 महीने में पूरा होना है और जब तक इस मामले का ट्रायल पूरा नहीं होता है तब तक जज रिटायर नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि बढ़े हुए कार्यकाल के दौरान वह किसी दूसरे केस को नहीं सुनेंगे.

चार्जशीट में आडवाणी का नाम

बाबरी मस्जिद विध्वंस साजिश मामले में जो चार्जशीट दाखिल हुई थी जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 अन्य का नाम शामिल है.

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6 दिसंबर, 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया गया था. इसके आरोप में बीजेपी नेता आडवाणी समेत 13 नेताओं के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थी.

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इस केस में जो चार्जशीट दाखिल की गई थी कि उसमें आडवाणी के अलावा उमा भारती, कल्याण सिंह, अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

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