अयोध्या में रामलला का मंदिर बनवाने के लिए गठित ट्रस्ट की दिल्ली में 19 फरवरी बैठक तय है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में इस बात पर भी फैसला लिया जाएगा कि ट्रस्ट के अलावा क्या कोई दूसरा संगठन भी मंदिर निर्माण के लिए दान ले सकता है या नहीं? दअरसल वाराणसी में ज्योतिष्पीठाधीश्वर व द्वारका के शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई वाले रामालय ट्रस्ट ने स्वर्ण-संग्रह-सपर्या अभियान शुरू कर दिया है.
इस अभियान के तहत हर ग्राम पंचायत से सोना इकट्ठा करने की योजना है. इस अभियान का सूत्रवाक्य है कि एक ग्राम स्वर्ण दान यानी हरेक ग्राम पंचायत एक ग्राम सोना दान करे. इससे मंदिर में रामलला के स्वर्ण आभूषण और स्वर्ण मंडन की सेवा की योजना है. यानी इस अभियान के जरिए राममंदिर के लिए हर गांव से कम से कम एक ग्राम सोना दान स्वरूप लेने का लक्ष्य रखा गया है.
इस अभियान को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सदस्य नाराज हैं. उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति या संगठन कैसे राम मंदिर निर्माण को लेकर लोगों से चंदा ले सकता है? उसके हिसाब किताब की ज़िम्मेदारी और जवाबदेही किसके पास होगी.
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तीर्थक्षेत्र न्यास को ही मिले चंदा इकट्ठा करने का हक
ट्रस्ट के सदस्यों का मानना है कि चंदा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास को ही मिलना चाहिए न कि किसी दूसरे निजी संगठन को. क्योंकि मंदिर निर्माण की सामाजिक और न्यायिक जिम्मेदारी उनकी ही है. हालांकि ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है कि 19 फरवरी को होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा होगी और संभवतः आदेश भी पारित होगा.
पैसा और संपत्ति ट्रांसफर का आकलन
विश्व हिंदू परिषद के राम जन्मभूमि न्यास की करोड़ों रुपए की नकदी और संपत्ति के ट्रांसफर को लेकर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने आकलन शुरू कर दिया है. ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक ट्रांसफर की जाने वाली संपत्ति में 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी तो बैंकों में जमा है. इसके अलावा सोना-चांदी जैसी बहुमूल्य धातु और अन्य चल अचल संपत्ति भी शामिल है. इसके साथ ही 30 करोड़ रुपए से ज्यादा धनराशि कार्यशाला में पत्थरों की खरीद, ढुलाई, पत्थर काटने और तराशने में खर्च हुई है. उसका पूरा विस्तृत ब्यौरा दिया जा रहा है.
सवा करोड़ की राशि मंदिर निर्माण के लिए न्यास के खाते में है. यह सब नए ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी. करीब 5 करोड़ रुपए की करीब 42 एकड़ जमीन भी वीएचपी के अधिकार क्षेत्र में है. इसे तब की केंद्र सरकार ने अधिग्रहीत कर लिया था. पत्थरों का लेखा-जोखा रखने वाले विहिप के पदाधिकारी प्रकाश कुमार गुप्त के मुताबिक जो भी संपत्ति है वह शीध्र ही नए ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी.
19 फरवरी होगी ट्रस्ट की पहली बैठक
19 फरवरी को नई दिल्ली में ट्रस्ट की पहली बैठक होने जा रही है. बैठक में किन-किन विषयों पर विचार होगा, इसके लिए ट्रस्ट के सभी सदस्यों को अनौपचारिक एजेंडा भी भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस बेहद महत्वपूर्ण पहली बैठक में ट्रस्ट के स्वरूप, उसकी गतिविधियों का खाका खींचा जाएगा. साथ ही राम मंदिर निर्माण के दूरगामी भविष्य को ध्यान में रखते हुए चलाए जाने वाले उपक्रमों के बारे में भी विचार किया जाएगा.
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राम मंदिर की रूपरेखा पर होगा विचार
सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट की पहली बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए लेआउट पर विशेष तौर पर विचार किया जाएगा. बैठक में राम मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा भी की जा सकती है. एक ट्रस्ट सदस्य के मुताबिक, जल्द ही अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के श्री गणेश की तिथि तय हो सकती है. माना जा रहा है कि चैत्र प्रतिपदा या राम नवमी की तिथि का चयन हो सकता है.
संजय शर्मा