लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को मिला मरणोपरांत अशोक चक्र

लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को इस साल सर्वोच्च बहादुरी के लिए अशोक चक्र से नवाजा गया है. गोस्वामी उस टीम का हिस्सा थे जिसने कश्मीर घाटी में 11 दिनों में लश्कर के 10 आतंकियों को ठिकाने लगाया था. अपने दो साथियों की जान बचाने के दौरान गोस्वामी शहीद हो गए थे. अशोक चक्र शांति काल में बहादुरी के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.

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सर्वोच्च बहादुरी के लिए अशोक चक्र से नवाजा गया सर्वोच्च बहादुरी के लिए अशोक चक्र से नवाजा गया

आदर्श शुक्ला

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को इस साल सर्वोच्च बहादुरी के लिए अशोक चक्र से नवाजा गया है. गोस्वामी उस टीम का हिस्सा थे जिसने कश्मीर घाटी में 11 दिनों में लश्कर के 10 आतंकियों को ठिकाने लगाया था. अपने दो साथियों की जान बचाने के दौरान गोस्वामी शहीद हो गए थे. अशोक चक्र शांति काल में बहादुरी के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.

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रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में इसका जिक्र किया. घटना का विवरण देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि गोस्वामी ने दो सितंबर 2015 को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के हापरुदा जंगल में छिपे हुए आतंकियों के साथ मुठभेड़ किया. उन्होंने कहा, ‘मुठभेड़ होने पर गोस्वामी के दो साथी जख्मी हो गए. अंधाधुंध गोलीबारी के बीच उन्होंने तुरंत दोनों को बचाया और ऐसा करने में वह बुरी तरह जख्मी हुए. उन्होंने दोनों आतंकियों को मार गिराया और अपने साथियों की जान की रक्षा की.’ उन्होंने कहा, ‘गोस्वामी का जख्मी अवस्था में निधन हो गया और उन्होंने भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा में शीर्ष बलिदान दिया.’ गोस्वामी को याद करते हुए उनके साथी अफसर बताते हैं कि वह हमेशा किसी भी मिशन के लिए तैयार रहते थे. उनकी बहादुरी टीम का नेतृत्व कर रहे अफसर का भी हौसला बढ़ा देती थी.

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इसी तरह पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के दौरान आतंकियों से बहादुरी से निपटने वाले सिपाही जगदीश चंद्र को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा. जगदीश चंद्र आतंकवादियों से बिना हथियार ही भिड़ गए थे. उन्होंने एक आंतकी की राइफल छीनकर उसे मार डाला. हालांकि ताबड़तोड़ गोलीबारी कर रहे दूसरे आतंकवादियों की गोली से वे शहीद हो गए. जगदीश चंद्र सेना की नौकरी से रिटायर होने के बाद डिफेंस सिक्योरिटी कोर (डीएससी) में कार्यरत थे. उनके अलावा सेना की स्पेशल फोर्स के सुबेदार महेंद्र सिंह को भी कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा. सेना के 20 शीर्ष अधिकारियों को परम विशिष्ठ सेवा मेडल दिए जाएंगे. इस साल कुल 365 बहादुरी पुरस्कार दिए जाएंगे.

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