याकूब की फांसी पर ओवैसी ने उठाए सवाल, कहा- मुस्लिम होने की वजह से हुई मौत की सजा

मुंबई बम धमाकों के दोषी और दाऊद इब्राहिम के सिपहसालार याकूब मेमन को फांसी का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 30 जुलाई को मेमन को फांसी दी जाएगी, वहीं एमआईएम के अध्‍यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने इस ओर कड़ी आपत्ति जताई है. ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह धर्म को आधार बनाकर फांसी दे रही है.

Advertisement
असदउद्दीन ओवैसी की फाइल फोटो असदउद्दीन ओवैसी की फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

मुंबई बम धमाकों के दोषी और दाऊद इब्राहिम के सिपहसालार याकूब मेमन को फांसी का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 30 जुलाई को मेमन को फांसी दी जाएगी, वहीं एमआईएम के अध्‍यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने इस ओर कड़ी आपत्ति जताई है. ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह धर्म को आधार बनाकर फांसी दे रही है.

ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि सरकार मजहब को आधार बनाकर फांसी की सजा तय रही है. उन्होंने कहा, 'फांसी की सजा मजहब को आधार बनाकर दी जा रही है. याकूब मेमन को फांसी क्यों दी जा रही है. अगर सूली पर चढ़ाना ही है तो राजीव गांधी के हत्यारों को भी चढ़ाया जाए. इस तरह मजहब को आधार नहीं बनाया जाए.' गौरतलब है कि मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी लगना अब तय हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने या‍कूब की क्यूरेटिव याचिका को मंगलवार को खारिज कर दी है, उसे 30 जुलाई को फांसी दी जाएगी.

Advertisement

तकरीबन 22 साल पहले 12 मार्च 1993 को मुंबई में सीरियल धमाके किए गए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 लोग घायल हो गए थे. इन धमकों के पीछे अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का हाथ था. याकूब मेमन 'डी' कंपनी का सबसे बड़ा सिपहसालार है और यही मुंबई धमाकों का सबसे बड़ा प्लांटर भी है. सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की याचिका को खारिज करते हुए उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement