हेराल्ड मामले में कांग्रेस को जेटली की दो टूक- महारानी भी कानून से ऊपर नहीं

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप का दो टूक जवाब दिया है. उन्होंने ने फेसबुक पर लिखा है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है.

Advertisement
वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली

स्‍वपनल सोनल

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप का दो टूक जवाब दिया है. उन्होंने ने फेसबुक पर लिखा है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. वित्त मंत्री ने आगे लिखा, 'भारत ने यह बात कभी स्वीकार नहीं की थी कि महारानी कानून के प्रति जवाबदेह नहीं हो सकती.' वित्त मंत्री ने कांग्रेसी नेताओं को सलाह दी है कि वो मामले को कानूनी आधार पर लड़ें.

Advertisement

फेसबुक के जरिए अरुण जेटली ने कांग्रेस के सांसदों से संसद के काम में बाधा नहीं डालने की अपील की है. जेटली ने लिखा है कि कांग्रेस नेता झूठा प्रचार कर रहे हैं. नेशनल हेराल्ड केस पर उन्होंने कहा है, 'कांग्रेस नेताओं ने कर छूट वाली आय को बिना कर छूट वाले काम में लगाया. सरकार ने अभी तक कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ कोई नोटिस जारी नहीं किया.' जेटली ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि सरकार ने विवादित सौदे के संबंध में कोई ऑर्डर पारित नहीं किया है.

'जीमन और इमारत का व्यवसायिक इस्तेमाल'
उन्होंने आगे कहा, 'नेशनल हेराल्ड नामक अखबार शुरू करने के लिए एक कंपनी बनाई गई थी. इस कंपनी को देश में कई प्रमुख जगहों पर जमीनें दी गईं. इस जमीन का इस्तेमाल अखबार निकालने में होना था. आज कोई अखबार ही नहीं निकल रहा है. जमीनों पर इमारतें खड़ी हैं और उनका व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है.'

Advertisement

WHY THE CONGRESS IS WRONGThe Congress Party, for the past few days, has disrupted both houses of Parliament. Its...

Posted by Arun Jaitley on Thursday, December 10, 2015

इनकम टैक्स उल्लंघन का मामला
उन्होंने आगे कहा है, 'एक राजनीतिक पार्टी राजनीतिक गतिविधियों से पैसा जमा कर सकती है. इससे उन्हें इनकम टैक्स में छूट मिलती है. कांग्रेस के जमा किए 90 करोड़ रुपये का फंड अखबार की कंपनी को दिया गया. प्रथम दृष्टया कहा जा सकता है कि यह इनकम टैक्स एक्ट का उल्लंघन है, क्योंकि आयकर से छूट प्राप्त रकम का इस्तेमाल बिना छूट वाले कामों के लिए किया गया.'

'आम नागरिक की हैसियत से की गई श‍िकायत'
अरुण जेटली ने आगे लिखा है, '2012 में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक नागरिक की हैसियत से इसकी शिकायत की. ट्रायल कोर्ट ने स्वामी की शिकायत पर समन भेजा. कांग्रेस के आरोपी नेता दिल्ली हाई कोर्ट गए, जहां से उन्हें अंतरिम सुरक्षा मिली. बाद में, दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी. अब उनके पास दो विकल्प हैं. वे सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं या ट्रायल कोर्ट में पेश होकर केस लड़ सकते हैं.'

वित्त मंत्री खुद भी वकील हैं. उनके मुताबिक, 'कांग्रेस नेताओं ने कई ट्रांजैक्शन कर अपने लिए चक्रव्यूह खड़ा कर लिया है. उन्हें इससे बाहर आने का रास्ता खोजना होगा. ट्रायल कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया है और हाई कोर्ट ने उससे सहमति जताई है. अब कांग्रेस कह रही है कि राजनीतिक बदला लिया जा रहा है. क्या यह कोर्ट पर आरोप लगाया जा रहा है? इसमें संसद या सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर सकती है. फिर संसद के कामकाज को रोकने का क्या मतलब है?'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement