LoC पर पाकिस्तानी फायरिंग में शहीद दो जवानों को सेना ने दी श्रद्धांजलि

मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले दो रणबांकुरों को सेना ने सोमवार को यहां भावभीनी श्रद्धांजलि दी. ये दोनों जवान उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर रविवार तड़के शहीद हो गए.

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शहीद जवानों को श्रद्धांजलि (photo- Aajtak) शहीद जवानों को श्रद्धांजलि (photo- Aajtak)

अशरफ वानी

  • श्रीनगर,
  • 21 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

  • नियंत्रण रेखा पर जवान हुए शहीद
  • शहीद जवानों को दी गई श्रद्धांजलि

मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले दो रणबांकुरों को सेना ने सोमवार को यहां भावभीनी श्रद्धांजलि दी. ये दोनों जवान उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर रविवार तड़के शहीद हो गए.

बिना किसी उकसावे के पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई गोलीबारी में हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ घायल हो गए. उन्हें तंगधार स्थित फील्ड हॉस्पिटल पहुंचाया गया लेकिन दुर्भाग्य से दोनों को बचाया नहीं जा सका.

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शहीदों को बीबी कैंट में दी श्रद्धांजलि

सोमवार को दोनों शहीदों को बीबी कैंट में श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर चिनार कोर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल जी एस कहलों, अधिकारियों और जवानों ने हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ को अंतिम विदाई दी. सेना के अलावा अन्य सुरक्षा बलों के प्रतिनिधि भी दोनों शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद रहे.

हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ 38 साल के थे और 2001 में सेना में शामिल हुए थे. वो मूल रूप से असम के गोलाघाट जिले की धनसिरी तहसील के दिघाली पत्थर गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार में पत्नी, एक बेटी और दो बेटे हैं.

वहीं राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ 21 साल के थे और उन्होंने 2017 में सेना ज्वॉइन की. वो मूल रूप से नेपाल के लुम्बिनी जोन के पाल्पा जिले के रामपुर गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार में माता-पिता हैं.

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दोनों जवानों के पार्थिव शरीर को उनके मूल स्थानों पर ले जाया जा रहा है. वहां इनका पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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