खुलासा: सीमा पर सुरक्षा में तैनात जवानों को हाईटेक हथियारों की कमी

कश्मीर में मौजूदा हालात के बीच सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह मंगलवार सुबह अचानक श्रीनगर पहुंचे. कश्मीर घाटी में 46 दिन बीत जाने के बाद अबतक वहां पर पूरी तरह से शांति बहाली को लेकर केंद्र सरकार ने चौतरफा कोशिशें तेज कर दी हैं.

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सेना को हाईटेक हथियार की जरूरत सेना को हाईटेक हथियार की जरूरत

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

कश्मीर में मौजूदा हालात के बीच सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह मंगलवार सुबह अचानक श्रीनगर पहुंचे. कश्मीर घाटी में 46 दिन बीत जाने के बाद अबतक वहां पर पूरी तरह से शांति बहाली को लेकर केंद्र सरकार ने चौतरफा कोशिशें तेज कर दी हैं.

सरकार में उच्च सूत्रों मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक एक बार फिर सेना को सीआरपीएफ, बीएसएफ और पुलिस की सक्रिय मदद के लिए कहा गया है. अभी तक सेना का पूरा ध्यान नियंत्रण रेखा पर सीमापार से आ रहे आतंकियों का सफाया करना था. मौजूदा हालात में सेना से कहा गया है कि वो कश्मीर में शांति बहाली में सक्रिय भूमिका निभाए.

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कश्मीर में सरहद के ऊपर और अंदर आतंकियों से मुकाबला कर रहे सेना के जवान हर मुश्किल चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहते हैं. लेकिन देश की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों को कुछ जरूरी हथियारों की कमी है. एंटी मटीरियल गन, मल्टीपल ग्रनेड लॉन्चर इसके अलावा सेना के पास 120 एमएम आर्टिलरी की गोले नहीं हैं. हाल में संसद की एक समिति ने भारतीय सेना के बड़े पैमाने पर पुराने हथियारों को लेकर चिंता जताई और सेना के आधुनिकीकरण में सुस्ती पर सरकार की खिंचाई की है.

कुछ समय पहले रक्षा संबंधी संसद की स्थाई समिति ने दोनों सदनों में प्रस्तुत की गई. रपट में कहा गया है कि समिति चिंतित है कि हमारी सेनाएं बड़े पर पुराने उपकरणों के साथ काम कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि सेना के पास छोटे हथियारों, तोपखाने के हथियारों, निगरानी उपकरणों, सिग्नल और कम्यूनिकेशन उपकरणों और राडार की काफी कमी है.

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