अमिताभ बच्चन ने शेयर की बाबूजी की कविता, मुश्किल वक्त में दिखाई उम्मीद की किरण

हरिवंश राय बच्चन की इस कविता का नाम है- अंधेरे का दीपक. कविता उम्मीद की उस किरण के बारे में बात करती है जो मुश्किल हालातों में भी हमारे पास होती है. बस कई बार हम नकारात्मकता के अंधेरे में उसे देखने की कोशिश नहीं करते.

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अमिताभ बच्चन अमिताभ बच्चन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2020,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST

बॉलीवुड के महानायक कहे जाने वाले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन अपने पिता के कितने करीब रहे हैं ये तो किसी से छिपा नहीं है. अमिताभ ने कई बार अपने बचपन की तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें वह अपने पिता के साथ नजर आते हैं. कई बार ऐसा होता है कि जब बिग बी अपने पिता की यादों में खो जाते हैं. हाल ही में उन्होंने एक बार फिर अपने पिता को याद किया और उनकी एक पुरानी कविता को शेयर किया जो आज के हालात पर काफी फिट बैठती है.

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हरिवंश राय बच्चन की इस कविता का नाम है 'अंधेरे का दीपक'. अमिताभ ने इस कविता को पढ़ने के बाद इसका अंग्रेजी अनुवाद भी किया है जिसे उन्होंने अपनी इंस्टा पोस्ट के कैप्शन में लिखा है. कविता उम्मीद की उस किरण के बारे में बात करती है जो मुश्किल हालातों में भी हमारे पास होती है लेकिन हम उस पर ध्यान नहीं देते. बस कई बार हम नकारात्मकता के अंधेरे में उसे देखने की कोशिश नहीं करते.

कविता के अंत में अमिताभ बच्चन ने लिखा है- मेरे श्रद्धेय बाबूजी के हौसला जगाने वाले काव्यमयी शब्दों में. महज 9 मिनट में अमिताभ बच्चन की इस पोस्ट को डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने लाइक और शेयर किया है. अमिताभ ने पिता हरिवंश राय बच्चन की जिस कविता को शेयर किया है वो ये है...

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है अंधेरी रात पर

दीवा जलाना कब मना है?

कल्पना के हाथ से कम

नीय जो मंदिर बना था,

भावना के हाथ ने जिनमें

वितानों को तना था,

स्वप्न ने अपने करों से

था जिसे रुचि से संवारा

स्वर्ग के दुष्प्राय रंगों

से, रसों से जो सना था,

ढह गया वह तो जुटाकर

ईंट, पत्थर, कंकड़ों को

एक अपनी शांति की

कुटिया बनाना कब मना है?

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अधर में लटकी ब्रह्मास्त्र की शूटिंग

वर्क फ्रंट की बात करें तो अमिताभ बच्चन के खाते में अभी कई फिल्में हैं. ब्रह्मास्त्र उनके सबसे नजदीकी और सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में शामिल है. हालांकि जिन शर्तों के साथ सरकार ने मुंबई में शूटिंग की इजाजत दी है उसमें एक शर्त ये भी है कि 65 साल की उम्र से ज्यादा के कलाकार सेट पर काम नहीं करेंगे. ऐसे में देखना होगा कि ब्रह्मास्त्र की शूटिंग किस तरह होती है और मेकर्स इस बारे में क्या फैसला लेते हैं.

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