अमेरिका के द्वारा एयरस्ट्राइक में ईरान के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराए जाने के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं. अमेरिका ने इराक-ईरान बॉर्डर के पास बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ये हमला किया था. अब बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने सभी नागरिकों को तुरंत इराक छोड़ने के लिए कह दिया है. दूसरी ओर ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ट्वीट कर अमेरिका को चेतावनी दी है.
तुरंत इराक छोड़ दें अमेरिकी नागरिक: दूतावास
बगदाद में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने बिगड़ते हालात को देखते हुए शुक्रवार दोपहर को एक प्रेस रिलीज़ जारी की. इसमें यहां आसपास मौजूद सभी अमेरिकी नागरिकों से वापस अमेरिका लौटने की सलाह दी है. प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि सभी नागरिक तुरंत यहां से निकलें, फिर चाहे वो अमेरिका लौटना हो या किसी और देश जाना हो.
अमेरिका ने जो एयरस्ट्राइक की है, वह बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हुई है. जहां पर जनरल कासिम सुलेमानी और उनके साथी गाड़ी से जा रहे थे, तभी ड्रोन से गाड़ियों को उड़ा दिया गया. हालांकि, एयरपोर्ट पर अभी भी फ्लाइट की सुविधा शुरू ही है.
अमेरिकी दूतावास द्वारा सभी नागरिकों को तीन बातों का ध्यान रखने में कहा है...
- इराक ट्रैवल ना करें.
- अमेरिकी दूतावास के पास ना जाएं.
- हर छोटी-बड़ी खबरों पर ध्यान जरूर रखें.
ईरान अमेरिका के इस अपराध का बदला लेगा: रुहानी
अमेरिका की इस एयरस्ट्राइक के बाद ईरान गुस्सा में है और लगातार अमेरिका से बदला लेने की बात कह रहा है. ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ट्वीट कर लिखा है कि जनरल कासिम सुलेमानी ने उग्रवाद के खिलाफ जो लड़ाई का झंडा उठाया था, उसे बुलंद ही रखा जाएगा. अमेरिका के द्वारा जो ज्यादतियां की जा रही हैं, उसका बदला जरूर लिया जाएगा.
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी फोर्स ने बगदाद एयरपोर्ट पर हमला किया. इस हमले में ईरान की फोर्स के बड़े कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी समेत कुछ अन्य अफसरों की मौत हो गई. तभी से मिडिल ईस्ट के हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं.
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आमने-सामने आए ईरान और अमेरिका
अपने कमांडर की मौत के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयोतुल्लाह खमनेई ने सुलेमानी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों से बदला लेने का ऐलान कर दिया है. दूसरी ओर US के रक्षा विभाग पेंटागन ने बयान में कहा कि ये हमला विदेशों में रह रहे अमेरिका नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ईरान के हमलों को रोकने के लिए किया गया है.
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