तीन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, कल से फिर शुरू होगी अमरनाथ यात्रा

भारत के कई राज्यों में बारिश ने कहर मचा रखा है. पिछले दो दिन से बारिश कमजोर पड़ी है. लेकिन मौसम विभाग के ताजा अनुमान के अनुसार अगले दो जिनों के अंदर भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं दूसरी तरफ बादल फटने के बाद बालटाल रूट पर रोक दी गई अमरनाथ यात्रा सोमवार से दोबारा शुरू हो सकती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 12:11 AM IST

भारत के कई राज्यों में बारिश ने कहर मचा रखा है. पिछले दो दिन से बारिश कमजोर पड़ी है. लेकिन मौसम विभाग के ताजा अनुमान के अनुसार अगले दो जिनों के अंदर भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं दूसरी तरफ बादल फटने के बाद बालटाल रूट पर रोक दी गई अमरनाथ यात्रा सोमवार से दोबारा शुरू हो सकती है. श्रीनगर में हुई समीक्षा बैठक में कहा गया कि अगर खराब मौसम की वजह से कोई रुकावट नहीं आई तो यात्रा सुचारू रूप से शुरू हो सकती है.

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नॉर्थ इंडिया में भारी बारिश की चेतावनी
भारत के कई राज्यों में बारिश ने कहर मचा रखा है. भारी बारिश की वजह से राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल बेहाल है. कहीं दस दिन से बारिश हो रही है, तो कहीं भीषण जलभराव से लोग परेशान हैं. सबसे ज्यादा मुसीबत में हैं राजस्थान और मध्यप्रदेश. दोनों ही राज्यों में हजारों लोग बाढ़ जैसे हालात से प्रभावित हुए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि आसमानी आफत अभी जारी रहेगी.

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले दो दिन के अंदर मध्य प्रदेश, गुजरात, सौराष्ट्र और राजस्थान में भारी बारिश हो सकती है.

उज्जैन में बिगड़ रहे हालात
उज्जैन में कुदरत का कहर टूट रहा है. आठ फीट गहरे पानी में मंदिर डूब चुके हैं. शिप्रा नदी का सैलाब अपने रास्ते में आने वाली हर इमारत को बहा ले जाने की कोशिश में है. नदी के किनारे मंदिरों के ऊंचे-ऊंचे गुंबद लगभग डूब चुके हैं. 25 जुलाई की देर रात से 26 जुलाई की दोपहर तक बारिश कमजोर पड़ी है, लेकिन हालात सामान्य होने में बहुत वक्त लगेगा क्योंकि, करीब दस दिन की बरसात की वजह से उज्जैन जैसी तस्वीर मध्य प्रदेश के कई जिलों में नजर आ रही है.

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शिप्रा नदी के किनारे बसी 100 कॉलोनी खाली कराई गई
प्रशासन के मुताबिक उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे बनी करीब सौ कॉलोनियों को खाली करवा लिया गया है. करीब दस से बारह हजार लोगों को नदी के किनारे से हटाया गया है. लगातार बारिश की वजह से बाजार पूरी तरह ठप पड़े हैं.

परिचालन पर बुरा असर
उज्जैन की सड़कों पर करीब तीन से चार फीट तक पानी भरा है. सड़कों से गुजरना आसान नहीं है. दोपहिया वाहन और कार चालक जान जोखिम में डालकर तालाब बन चुके रास्तों से गुजर रहे हैं. मध्यप्रदेश में तेज बारिश और बाढ़ के हालात की वजह से उज्जैन से होकर जाने वाली रतलाम मंडल की कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं. रेलवे ट्रैक पर भी पानी जमा है.

राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात, धौलपुर में हाई अलर्ट
राजस्थान के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे के दौरान हुई बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बाड़मेर के कई इलाकों में पानी आबादी वाले क्षेत्र में घुस आया है. बालोतरा कस्बे में पिछले बारिश की वजह से जगह-जगह सड़कें धंस गईं. कस्बे की जेल में तीन-तीन फीट तक पानी भर गया है. कोटा बैराज के 9 गेटों को खोलकर करीब 66 हजार क्यूसेक पानी निकाला गया. कोटा में पानी छोड़े जाने का असर धौलपुर में भी देखने को मिला. यहां चंबल नदी खतरे के निशान से करीब पांच मीटर ऊपर बह रही है. जिसकी वजह से कई निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. गांवों में बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है.

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बालटाल-श्रीनगर रूट पर संपर्क बहाल

समीक्षा बैठक में राज्यपाल एनएन वोहरा को बताया गया कि बालटाल-श्रीनगर सड़क संपर्क शुरू हो गया है. वोहरा श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने शुक्रवार रात बादल फटने की घटना के बाद बालटाल आधार शिविर के पास बहकर नीचे आए विशाल मलबे को हटाने के लिए किए जा रहे है काम की मौजूदा स्थिति की भी समीक्षा की. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एसएएसबी के वरिष्ठ अधिकारी बचाव और पुनर्वास काम में समन्वय करने के लिए आधार शिविर गए थे.

एसएएसबी के सीईओ पीके त्रिपाठी ने राज्यपाल को सूचित किया कि आवश्यक श्रमशक्ति और मशीनरी की मदद से काफी मलबे को हटा दिया गया है और शिविर के पास प्रार्थना स्थल को इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया है.

 

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