7 महीने में समंदर के रास्ते पूरी दुनिया का सफर पूरा करेंगी भारतीय जलपरियां

आपको बता दें कि भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारी समंदर के रास्ते धरती का चक्कर लगाने यानी “सरकम नेविगेशन” के सफर पर रवाना हो गयी हैं. इस मिशन को नाविका सागर परिक्रमा नाम दिया गया है.

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पीएम के साथ भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारी पीएम के साथ भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारी

अंकुर कुमार / मंजीत नेगी

  • गोवा,
  • 10 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST

भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारी पहली बार छोटी सी नाव से पूरी दुनिया की 7 महीनों तक सागर परिक्रमा करेंगी. समंदर के रास्ते पूरी दुनिया की सैर करने का मिशन यानी 21600 नॉटिकल मील से ज्यादा की यात्रा करने का टार्गेट है. वह भी सिर्फ हवाओं के भरोसे महज 55 फुट की एक छोटी सी नाव में यह सफर पूरा होगा. ऐसे में कठिन सफर की कल्पना ही रोमांचित कर देती है.

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आपको बता दें कि भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारी समंदर के रास्ते धरती का चक्कर लगाने यानी “सरकम नेविगेशन” के सफर पर रवाना हो गयी हैं. इस मिशन को नाविका सागर परिक्रमा नाम दिया गया है. यह मिशन एशिया में महिलाओं द्वारा समुद्री मार्ग से धरती का चक्कर लगाने का पहला प्रयास होगा. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गोवा में हरी झंडी दिखाकर इस मिशन को रवाना किया. इस मौके पर उनके साथ पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा मौजूद थे. इस मिशन को लेकर रक्षा मंत्री ने आजतक से खास बातचीत की.

कोई अलग ट्र‍िटमेंट नहीं

रक्षामंत्री ने बताया कि इस मिशन में सभी महिलाएं हैं. अबतक मुझे रक्षा मंत्री के तौर पर आठ दिन ही हुए है. मेरे लिए खुद ये एक सुखद और यादगार अनुभव है. भारत के इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. इन महिला अधिकारियों को अच्छी ट्रेनिंग मिली है. ट्रेनिंग और साधन के बल पर ये अपना मिशन पूरा करेंगी. मुझे आशा है कि ये यात्रा सफल रहेगी. तीनों सेनाओं में महिलाऐं अपनी मेहनत और कटिबद्धता से आगे बढ़ रही हैं. जहां हमारी जरूरत होगी हम मदद करेंगे. उनके लिए अलग से रास्ते खोलने की जरूरत नहीं है.

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यह अभियान आईएनएसवी तारिनी पर ‘नाविका सागर परिक्रमा’ नाम से गोवा से शुरू हुआ और इसके मार्च 2018 में संपन्न होने की उम्मीद है. महिला सशक्तिकरण और समुद्र में महिलाओं की भागीदारी का संदेश देने के लिए नौ सेना ने महिलाओं की टीम एक खास टीम को समुद्र परिक्रमा पर भेजने का फ़ैसला किया. भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारियों ने समुद्र के रास्ते से विश्व परिक्रमा पर निकलने से पहले दिल्ली में पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी. 

 

अभ‍ियान की फोटो गैलरी देखें यहां :

 

इस टीम की लीडर लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें देश की क्षमताओं शक्तियों को दुनिया के सामने लाने के लिए कहा.  वर्तिका सहित छह महिला अधिकारी आईएनएसवी तारणी में सवार होकर सागर परिक्रमा करने जा रही हैं. भारतीय इतिहास के इस अभियान में उनकी टीम बिना रुके समुद्र की लहरों को चीरते हुए विश्व भ्रमण करेंगी. इससे पूर्व वह आईएनएसवी महादेई में सफलतापूर्वक कई अभियान पूरा कर चुकी हैं. 

7 महीनों तक ऐसे करेंगी सफर

आईएनएसवी तारिणी 55 फुट लंबा जहाज है. इसे भारतीय नौसेना में पिछले साल ही शामिल किया गया है. इस अभियान दल की प्रमुख लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के अलावा लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी स्वाति, लेफ्टिनेंट एस विजया देवी, बी ऐश्वर्या और पायल गुप्ता शामिल हैं. इस अभियान में चार ठहराव होंगे, जिसमें फ्रीमैंटल (आस्ट्रेलिया), लायटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टैंले (फॉकलैंड) और कैपटाउन (दक्षिण अफ्रीका) शामिल हैं.

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भारतीय महिला सैनिकों के इस मिशन के लिए नौसेना ने कई खास इंतजाम भी किए हैं. इस बारे में सभी देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों, मित्र देशों की नौसेनाओं और निर्धारित रेस्क्यू ज़ोन्स को सूचित कर दिया है. साथ ही हर समय भारतीय नौसेना का कमांड सेंटर भी उनके संपर्क में रहेगा साथ कि किसी आपात स्थिति के लिए भी योजना बनाई है. इस मिशन को लेकर उनके परिवार वाले भी अब बहुत उत्साहित हैं. उनके परिवार के लोग गोवा में इस मौके पर मौजूद रहे.

इस मिशन पर निकालने से पहले इस टीम ने लंबा वक्त आईएनएसवी तारिणी पर बिताया. यह टीम के बीच एक बॉन्ड बनाने के लिए भी ज़रूरी था. टीम ने बताया कि एक छोटी से नौका में महीनों का समय बिताना भी एक चुनौती है. लिहाज़ा वो अपने साथ लैपटॉप, टीवी के अलावा कई फिल्में भी साथ ले जा रही हैं.

आइएनएस तारिणी: एक नजर में

- वजन: 23 टन

- लंबाई: 55 फीट

- मस्तूल की उंचाई: 75 फ़ीट

- पहली बार दुनिया का चक्कर लगानी वाली भारतीय नौका महादेई की तर्ज पर तारिणी को बनाया गया है

- नौका का निर्माण गोवा में किया गया

- भारतीय नौसेना में आइएनएस तारिणी को 18 फरवरी 2017 को शामिल किया गया

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- तारिणी सेटेलाइट संचार के आधुनिक उपकरणों से लैस है

- आईएनएस तारिणी के साथ महिला अधिकारियों की टीम पहले गोवा से पोरबंदर और फिर मॉरीशस तक का भी सफर कर चुकी है.

 

 

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