समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि चीनी घुसपैठ के खिलाफ भारत सरकार के साथ पूरा देश खड़ा है. लेकिन उस घटना में जिसमें हमारे जवान मारे गए, क्या एक घुसपैठ थी?
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर नहीं तो क्यों विदेश मंत्रालय ने यथास्थिति की मांग की. गलवान घाटी भारत का हिस्सा है या नहीं. हमें स्पष्टीकरण की जरूरत है. हमें सच जानने की जरूरत है.
एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के भारत-चीन एलएसी कथन से भ्रमित होकर जनता पूछ रही है कि यदि चीन हमारे इलाके में नहीं घुसा तो फिर हमारे सैनिक किन हालातों में शहीद हुए और क्या इस कथन से चीन को ‘क्लीन चिट‘ दी जा रही है.
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इससे पहले किए गए एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा था कि आज पूरा देश व हर दल, चीन और एलएसी पर प्रधानमंत्री के इस कथन के साथ पूरे विश्वास के साथ खड़ा है कि “न कोई हमारे इलाके में घुसा है और न ही किसी पोस्ट पर कब्ज़ा किया है." अब सरकार को ये सुनिश्चित करना होगा कि देश की सीमाओं के साथ ही जनता के इस विश्वास की भी शत-प्रतिशत रक्षा हो.
दरअसल चीन के साथ सीमा पर तनाव पर पीएम मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में यह दावा किया था कि हमारी जमीन में कोई न घुसा है, न घुसा था. इस बयान को आधार बनाकर इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि चीन के आक्रामक रवैये के सामने देश की जमीन सरेंडर कर दी है.
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वहीं लद्दाख की जिस गलवान घाटी को लेकर चीन अब दावा कर रहा है कि यह चीन का ही हिस्सा है. इतना ही नहीं चीन का कहना है कि कई वर्षों से वहां चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते रहे हैं.
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