आधार अथॉरिटी UIDAI ने भारती एयरटेल को ग्राहकों के आधार बेस्ड वेरीफिकेशन की अस्थायी मोहलत को बढ़ा दिया है. अब एयरटेल अन्य कंपनियों की ही तरह 31 मार्च, 2018 तक आधार बेस्ड वेरीफिकेशन करा सकेगी. इससे पहले आधार अथॉरिटी ने एयरटेल को इस काम के लिए 10 जनवरी तक का समय दिया था. यह समय सीमा खत्म हो चुकी है.
आधार अथॉरिटी की तरफ से एयरटेल को यह अनुमति ग्राहकों को हो रही असुविधा के मद्देनजर दी गई है. एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा कि हम लगातार अथॉरिटी के साथ संपर्क में रहेंगे. हम उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करेंगे. उन्होंने कहा कि हम अथॉरिटी के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे.
यूआईडीएआई ने एक मोर्चे पर एयरटेल को फिलहाल राहत नहीं दी है. अथॉरिटी ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक के ई-केवाईसी लाइसेंस को फिलहाल रद्द ही रखा हुआ है. अथॉरिटी ने कहा है कि जब तक उसकी तरफ से जांच पूरी नहीं हो जाती है. इसके अलावा आरबीआई और दूरसंचार मंत्रालय की तरफ से रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक एयरटेल पेमेंट्स बैंक को इसकी इजाजत नहीं मिलेगी. ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद यूआईडीएआई 10 फरवरी को इस पर विचार करेगा.
इससे पहले भी सरकार ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक के बारे में एयरटेल ई-केवाईसी निलंबन के आदेश को कायम रखा था. मामले से जुड़े लोगों ने बताया था कि देश की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी एयरटेल को यूआईडीएआई से यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोबाइल नबंर को आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख 31 मार्च नजदीक है और बड़ी संख्या में एयरटेल ग्राहकों के सिमकार्ड का आधार सत्यापन पूरा नहीं हो सका है.
क्या है एयरटेल के खिलाफ मामला?
सितंबर में एयरटेल के खिलाफ शिकायत मिलने पर यूआईडी ने कंपनी को नोटिस भेजते हुए पूछा था कि क्यों वह अपने ग्राहकों का पेमेंट बैंक खाता खोलने के लिए मंजूरी नहीं ले रही है. एयरटेल पर आरोप लगा था कि वह केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर फंड को बिना ग्राहकों की जानकारी के उनके पेमेंट बैंक खाते में ट्रांसफर कर रही है. इस आरोप को सही पाए जाने पर केन्द्र सरकार ने एयरटेल और उसके पेमेंट बैंक को आधार के जरिए ग्राइकों की ई-केवाईसी अधिकार छीन लिया था.
विकास जोशी