नए नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीएए-एनआरसी देश हित में नहीं है, CAA गांधी और अंबेडकर के ख्वाबों के खिलाफ है, इसलिए हम सीएए के इस कानून की मुखालफत करते हैं. ओवैसी ने कहा कि NRC भारत के गरीबों के भी खिलाफ है.
ओवैसी ने कहा, 'मुझे इस बात की कोई शिकायत नहीं है, ना मुझे गम है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से कोई मुसलमान नहीं आएगा. मुझे शिकायत इस बात की है कि जब एनआरसी हो जाएगा, तब क्या होगा, सिटीजनशिप मजहब के नाम पर मिलेगा.'
उन्होंने कहा, 'मैं जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि यह कानून मुसलमानों के खिलाफ है और यह हिंदू भाइयों के भी खिलाफ है. एनआरसी दलितों के खिलाफ भी है, एनआरसी भारत के तमाम गरीबों के खिलाफ है.'
'लोकतंत्र बनाए रखने की जरूरत'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'जब डिटेंशन सेंटर में आप जाएंगे तो आपके पास ना कोई अकाउंट होगा और ना कुछ होगा. यह डराने के लिए नहीं हो रहा हूं. मैं सच बता रहा हूं, इसलिए हमें इस कानून के खिलाफ रहना है, जो पूरे मिल्क में इस बात को लेकर खिलाफत हो रही है, उन तमाम लोगों को मैं मुबारकबाद देता हूं, सलाम करता हूं.'
तेलंगाना सरकार के मुख्यमंत्री से मैं यह कहना चाहता हूं कि वह केरल सरकार की तरह एनआरसी और सीएए का विरोध करें कि आज के दौर में हमको पहले से ज्यादा इस बात को लेकर तवज्जो देने की जरूरत है, हमें अपने बेहतर तरीके से लोकतंत्र को बनाए रखने की जरूरत है.
'सेक्युलर संविधान है'
ओवैसी ने तेलंगाना में एक रैली में कहा, 'इस मुल्क का एक कोई एक मजहब नहीं है. सभी मजहब के लोग यहां पर रहते हैं. यह इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है. बीजेपी की तरफ से कहा जाता है, कांग्रेस की तरफ से कहा जाता है कि भारत सेक्युलर इसलिए है, क्योंकि यहां का हिंदू सेक्युलर हैं मैं इससे इनकार करता हूं. यहां का हिंदू हो, मुसलमान हो, दलित हो, यहां का आदिवासी हो, सभी सेक्युलर हैं, क्योंकि बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया है, वह सेक्युलर संविधान है. जब तक संविधान सेक्युलर रहेगा, इस मुल्क में सेक्युलर ताकतें मजबूत रहेंगी. जिस दिन संविधान बदल जाएगा, उस दिन इस मुल्क का नक्शा बदल जाएगा.'
अशोक सिंघल