एसिड अटैक में खो दी थी आंखों की रोशनी, अब बनीं बैंकर

एसिड अटैक के 7 साल बाद मोहाली की इंद्रजीत कौर अपनी आंखों की रोशनी खो चुकी थी लेकिन अब वह बैंकर बनकर नई शुरुआत करने जा रही है. उनके इस संघर्ष में उसके घर वालों ने भी साथ नहीं दिया.

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एसिड अटैक के 7 साल बाद बनीं बैंकर (प्रतीकात्मक तस्वीर) एसिड अटैक के 7 साल बाद बनीं बैंकर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

एसिड अटैक के 7 साल बाद मोहाली की इंद्रजीत कौर अपनी आंखों की रोशनी खो चुकी थी और उनकी जिंदगी में एक ठहराव सा आ गया था लेकिन अब वह बैंकर बनकर नई शुरुआत करने जा रही है.

इंद्रजीत अब केनरा बैंक के दिल्ली कार्यालय में क्लर्क के पद पर अपनी सेवाएं देंगी.

एसिड अटैक के बाद इंद्रजीत का चेहरा और उसके शरीर के कई हिस्से जल गए थे. 2011 में हुए एसिड अटैक में इंद्रजीत ने अपनी आंखों की रोशनी भी खो दी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में इंद्रजीत ने बताया, मेरी मां के अलावा किसी भी रिश्तेदार ने गुनहगारों के खिलाफ मेरी लड़ाई में मेरा साथ नहीं दिया. यहां तक कि मेरे भाई ने भी नहीं. मुझे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और मैं पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गई. मैं कई बार रोई. रिश्तेदार और गांव के लोग मुझे जताते रहते कि मैं अपने परिवार पर बोझ बन गई हूं. इन सबके बाद मैंने कुछ करने का फैसला किया और देहरादून में नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर विजुअली हैंडिकैप्ड जॉइन कर लिया.

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देहरादून के इस संस्थान में इंद्रजीत ने ऑडियो के माध्यम से पढ़ना सीखा और 2016 में ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इससे पहले वह बैंकिंग सर्विस का दो बार एग्जाम दे चुकी थीं लेकिन जून 2018 में तीसरे प्रयास में सफलता हाथ लगी. विजुअली इम्पेयरड कैटिगरी में कौर का चयन हुआ और दिल्ली में उनकी पोस्टिंग हुई है.

मोहाली की मरौली कलन गांव में रहने वाली इंद्रजीत ने जीरकपुर के मंजीत सिंह का रिश्ता ठुकरा दिया था. ठुकराए जाने के बाद मंजीत ने इंद्रजीत के घर में घुसकर उस पर एसिड अटैक कर दिया था. आंखों की रोशनी जाने के अलावा कौर को गले, चेहरे और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर घाव हुए.

एसिड अटैक के बाद ट्रीटमेंट के लिए इंद्रजीत ने पंजाब औऱ हरियाणा हाई कोर्ट से इलाज के लिए मुआवजा देने की मांग की. याचिका के जवाब में पंजाब और हरियाणा राज्य ने इलाज के लिए मुआवजा देने के हामी भर दी थी.

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