पांच राज्यों के चुनाव के बाद कई राजनीतिक दल ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल कर रहे हैं. हाल ही में मध्यप्रदेश के भिंड में ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ पर सवाल उठे तो 'आप' के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पहुंचकर इसकी शिकायत करने में देरी नहीं की. इस बीच शिकायत का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को मंथन करने की नसीहत तो दे दी लेकिन इन तमाम बातों को नजरअंदाज करते हुए अब मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर कई साल पूछे हैं.
एक के बाद एक ट्वीट करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पूछा, 'पार्टी तो अपनी हार जीत की समीक्षा कर लेगी लेकिन हर बटन का वोट बीजेपी को दिलाने वाली ईवीएम और चुनाव अधिकारी की धमकियों की समीक्षा कौन करेगा?'
सिसोदिया ने उस मुद्दे को भी उठाया जहां मध्यप्रदेश की चुनाव अधिकारी वीडियो में पत्रकारों को थाने में बिठाने वाली धमकी देती नजर आ रही थी. सवालों की बौछार करते हुए सिसोदिया ने पूछा, 'ये सख्ती है या लीपा पोती? मशीन में गड़बड़ी की जांच कौन करेगा? चुनाव अधिकारी की थाने में बिठाने वाली धमकी की जांच कौन करेगा?'
ईवीएम का विवाद बढ़ा तो भिंड के डीएम और एसपी को हटा दिया गया. इस फैसले पर भी मनीष सिसोदिया ने सवाल खड़े किए और पूछा कि 'वैसे क्या कोई ये बताएगा कि भिंड के डीएम-एसपी की गलती क्या थी? ईवीएम का सच छिपाने के लिए पत्रकारों को हड़काने पर तो सीईओ को हटाना चाहिए था.'
बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से ही आम आदमी पार्टी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है. 'आप' नेता बाकायदा चुनाव आयोग से मुलाकात कर पेपर बैलेट पर चुनाव कराने की मांग भी कर चुके हैं. हालांकि विरोधी सवाल भी उठा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी आने वाले चुनाव में हार के डर की वजह से इतना हंगामा कर रही है.
AAP को EC का सख्त जवाब- EVM पर आरोप लगाने की जगह नतीजों पर गौर करें
पंकज जैन