चुनावी राजनीति में आज कल सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सिक्का चल रहा है, शायद इसका अंदाजा आम आदमी पार्टी को है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शुक्रवार को शाम 5 बजकर कुछ मिनट तक अगर आप जब पार्टी की वेबसाइट देखते तो एक पल सोचने के लिए जरूर मजबूर हो जाते कि यह वेबसाइट किसकी है, AAP या फिर बीजेपी. अब ध्यान सिर्फ दिल्ली पर: केजरीवाल
वेबसाइट खुलते ही जो पहला स्लाइड आ रहा था, उसमें लिखा था... दिल्ली बोली, 'मोदी फॉर पीएम, केजरीवाल फॉर सीएम.' हालांकि सोशल मीडिया पर कई लोग इस सवाल उठाने लगे तो पार्टी ने आनन फानन में स्लाइड को हटा लिया. लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर पार्टी की खिंचाई शुरू हो चुकी थी.
सवाल उठना भी लाजमी है क्योंकि हाल ही में संपन्न में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 'चलो मोदी के साथ' का नारा दिया. वहीं महाराष्ट्र में 'केंद्र में नरेंद्र और महाराष्ट्र में देवेंद्र' नारे का डंका बजा. इन दोनों नारों को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला भी. आम आदमी पार्टी की एक स्लाइड भी इसी के इर्द-गिर्द नजर आता है. वैसे पार्टी ने विवाद से बचने के लिए केजरीवाल की मोदी से ज्यादा बड़ी तस्वीर लगाई थी.
आम आदमी पार्टी ने अपने इस स्लाइड के समर्थन में एक आर्टिकल भी लिखा था जिसे बाद में उसने हटा लिया. उस आर्टिकल में लिखा गया था, 'दिल्ली की जनता ने तय कर लिया है. वे एक मजबूत प्रधानमंत्री चाहते थे इसलिए नरेंद्र मोदी जी को चुना. अब एक मजबूत मुख्यमंत्री चाहते हैं ताकि भ्रष्टाचार, महंगाई, स्कूल, ट्रांसपोर्ट और अस्पताल जैसे मुद्दों का समाधान हो सके. वे अब अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर चाहते हैं.'
पार्टी ने अपने दावों के समर्थन में उस आर्टिकल में एक वीडियो भी लगाया था जिसे भी अब हटा लिया गया है. उस वीडियो में दिल्ली की जनता को मुख्यमंत्री पद पर राय देते देखा जा सकता था.
पार्टी ने अपने दावों के समर्थन में यह वीडियो भी डाला था...
सोशल मीडिया पर कुछ यूं उड़ा आम आदमी पार्टी और केजरीवाल का मजाक
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