आधार की अनिवार्यता आज भी जारी रहेगी SC में सुनवाई

बुधवार को सुनवाई के दौरान श्याम दीवान ने कोर्ट में कहा कि आधार प्रोजेक्ट ही चुनौती के दायरे में है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की कोई  टाइम लिमिट नहीं है. यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है.

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संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

आधार की अनिवार्यता पर चल रही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज भी जारी रहेगी. बुधवार को शुरू हुई इस सुनवाई में याचिकाकर्ता श्याम दीवान ने बेंच को आधार को अनिवार्य करना नागरिकों के अधिकारों की हत्या बताया था. आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच कर रही है.

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याचिकाकर्ता ने क्या दिए तर्क

बुधवार को सुनवाई के दौरान श्याम दीवान ने कोर्ट में कहा कि आधार प्रोजेक्ट ही चुनौती के दायरे में है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की कोई  टाइम लिमिट नहीं है. यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. दीवान बोले कि आधार की बायोमैट्र‍िक व्यवस्था में कई खामियां हैं. यह सिस्टम भरोसेमंद नहीं है और यह सिर्फ संभावनाओं के आधार पर चलता है.

श्याम दीवान ने सुप्रीम कोर्ट में आधार की कई खामियां गिनवाईं...

- श्याम दीवान ने सवाल उठाया कि आख‍ि‍र आधार को इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए जरूरी क्यों बनाया गया है. उन्होंने आधार को बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर से लिंक करने की अनिवार्यता को लेकर भी सवाल उठाए.

- दूरदराज के गांवों और दुर्गम इलाकों में रहने वालों के लिए आधार सेंटर तक पहुंचना और पहचान रजिस्टर कराना बेहद मुश्किल. खास कर बुज़ुर्गों और दिव्यांगों के लिए.

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- 60 साल की उम्र के बाद वालों की उंगलियों के निशान रजिस्टर करना मुश्क‍िल हो जाता है. अक्सर बुजुर्ग होने पर फिंगरप्र‍िंट बदल भी जाता है. इसके लिए त्वचा का सिकुड़ना और पतला होना भी वजह बनती है.

- एक बार में सही फिंगरप्रिंट न होने पर कई बार कोश‍िश करनी पड़ती है. इसके बाद ही सही फिंगरप्र‍िंट रजिस्टर हो या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं रहती.

नंदन निलेकणी ने किया आधार का बचाव

इसी बीच, यूआईडीएआई के पूर्व प्रमुख नंदन निलेकणी ने कहा कि आधार के बलबूते पर अभी तक भारत ने जो भी हासिल किया है, वह किसी रेवोल्यूशन से कम नहीं है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हर व्यवस्था को पुख्ता होने में समय लगता है और यह काम लगातार उसे बेहतर करने के प्रयासों से ही हो सकता है.

लीक की आई थी खबर

दरअसल, इसी महीने एक ऐसी रिपोर्ट छापी गई थी, जिसमें कहा गया था कि महज 500 रुपये देकर मात्र 10 मिनट में करोड़ों आधार कार्ड की जानकारी हासिल करना संभव हो रहा है. अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून ने एक तहकीकात की, जिसमें इस तरह की बातों का खुलासा हुआ है. ट्रिब्यून के अनुसार, उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप से मात्र 500 रुपये में ये सर्विस खरीदी और करीब 100 करोड़ आधार कार्ड का एक्सेस मिल गया.

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