नेताओं से ज्‍यादा स्‍मार्ट हैं भारतीय वोटर: रुश्‍दी

जयपुर में साहित्य उत्सव से दूर रहने को बाध्य किये जाने के दो माह बाद विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि ‘व्यर्थ चुनावी गुणाभाग’ के चलते उनकी मौजूदगी रोकी गयी.

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सलमान रुश्दी सलमान रुश्दी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2012,
  • अपडेटेड 12:42 AM IST

इंडिया टुडे कॉन्‍क्‍लेव-2012 का समापन सत्र लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप काफी धमाकेदार रहा. विवादास्‍पद लेखक सलमान रुश्‍दी ने बेबाक बयानों के जरिए खूब सुर्खियां बटोरीं.

जयपुर में साहित्य उत्सव से दूर रहने को बाध्य किये जाने के दो माह बाद विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि ‘व्यर्थ चुनावी गुणाभाग’ के चलते उनकी मौजूदगी रोकी गयी.

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अपनी पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों की आंखों में खटकने वाले जाने माने लेखक ने कहा कि जयपुर में उनकी मौजूदगी पर रोक लगाने से कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में औंधे मुंह गिरी.

दिल्‍ली के ताज पैलेस में ‘इंडिया टुडे कान्‍क्लेव’ में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज के नेताओं के बजाय श्रेष्ठ नेताओं की अगुवाई का हकदार है.

जनवरी के जयपुर साहित्य उत्सव के विवाद की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘वहां जो कुछ हुआ वह देवबंदी हठ नहीं था. यह मामूली व्यर्थ चुनावी गुणाभाग था. राहुल (गांधी), पर यह काम नहीं कर पाया.’

रुश्दी ने कहा कि इससे उत्तर प्रदेश कांग्रेस की हार हुई. उन्होंने कहा, ‘भारतीय मतदाता इन नेताओं से कहीं ज्यादा स्मार्ट हैं....लोगों को निकाला जा सकता है जैसा कि जयपुर साहित्य उत्सव है.’ उन्होंने कहा कि 95 फीसदी मुसलमानों को हिंसा में कोई दिलचस्पी नहीं है और हिंदुओं के लिए भी ऐसा ही होगा.

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‘स्वतंत्रता बनाम: मैं जो हूं सो हूं और मैं ऐसा ही हूं’ विषय पर आधारित सत्र में उन्होंने कहा कि भारत में ‘नाराजगी की संस्कृति बढ़ती जा रही है.’ दिवंगत एमएफ हुसैन और अन्य कलाकारों एवं लेखकों का कट्टरपंथियों की ओर से विरोध का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘हर रोज ऐसा जान पड़ता है कि मुसलमानों और हिंदुओं के संगठनों की ओर से धौंस जमाया जाता है. आवाज दबा दी जाती हैं. हिंसा का डरावना प्रभाव स्पष्ट है और इस देश में यह बढ़ता ही जा रहा है.’

ऐसी बातों के प्रति जनता की बेरुखी पर उन्होंने कहा, ‘लोग सो रहे हैं. आपको जागने की जरूरत है. स्वतंत्रता कोई चाय पार्टी नहीं हैं, यह एक लड़ाई है. यह पूर्ण नहीं है. यह ऐसी चीज है जो कोई छीनने को तैयार है. यदि आपने रक्षा नहीं की, तो आप उसे खो बैंठेंगे.’

अपनी पुस्तक द सैटेनिक वर्सेज के विरोध पर रुश्दी ने कहा, ‘लोगों को मुझपर हमला करने का अधिकार किसने दिया.’ रुश्दी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि इस पुस्तक के कुछ उद्धरण पढ़ने वाले लेखकों का बचाव नहीं किया जा रहा है और उनपर अभियोजन का खतरा मंडरा रहा है.

उन्होंने उनकी मौजूदगी की वजह से इस सम्मेलन में नहीं आने पर पाकिस्तान के क्रिक्रेटर से नेता बने इमरान खान के अलावा जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आलोचना की.

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जनवरी में रुश्दी जयपुर के साहित्य उत्सव में भाग लेने वाले थे लेकिन उन्हें मुसलमान संगठनों की विरोध प्रदर्शन की धमकी के कारण अपनी यह यात्रा रद्द करनी पड़ी थी. बाद में आयोजकों को वीडियो लिंक के माध्यम से होने वाला उनका संबोधन भी हिंसा के डर से रद्द करना पड़ा था.

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