भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का कहना है कि जीएसएलवी के प्रक्षेपण में विफलता का असर चंद्रयान-2 मिशन पर नहीं पड़ेगा और चिंता की कोई बात नहीं है.
चंद्रयान-2, चंद्रमा के लिये भारत का मानवरहित दूसरा अभियान होगा जिसकी शुरआत 2013 में होनी है.
इसरो सूत्रों का कहना है कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि इस विफलता से चंद्रयान-2 में कुछ देरी हो सकती है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि इसरो निर्धारित समयसीमा के भीतर काम पूरा कर लेगा.
सूत्रों का कहना है कि इसरो को अपना लक्ष्य पूरा करने के लिये ‘ओवरटाइम’ करने की जररत पड़ सकती है.
भाषा