केरल के प्रभावशाली वामपंथ विरोधी ईसाई समुदाय को लुभाने के माकपा के प्रयास उलटे पड़ते नजर आ रहे हैं.
राज्य में कैथलिक चर्च ने तिरुवनंतपुरम में माकपा की प्रदर्शनी में क्रूस पर टांगे गए यीशु की एक अजीबोगरीब तस्वीर पर सख्त ऐतराज जताया है. केरल कैथलिक बिशप कॉन्फ्रेसिंग में एक बयान पढ़ा गया, जिसमें कहा गया है कि ''यीशु को कॉमरेड बनाने के उनके प्रयासों से हमारी भावनाएं आहत हुई हैं.'' इस पर माकपा ने यह कहते हुए पलटवार किया है कि कोई भी चर्च यीशु पर एकाधिकार नहीं जमा सकता. यीशु तो एक क्रांतिकारी थे. हालांकि मार्क्सवादियों को गैर-कैथलिक चर्च के नेताओं का समर्थन हासिल हो रहा है.
मार्क्सवादियों को उस समय और भी ज्यादा शर्मिंदगी उठानी पड़ी जब माकपा से जुड़ी एक ट्रेड यूनियन ने लियोनार्दों द विंची की प्रसिद्ध पेंटिंग द लास्ट सपर का मजाक उड़ाने वाला पोस्टर लगाया. कैपिटलिज्म्स लास्ट सपर नाम के इस पोस्टर में यीशु की जगह बराक ओबामा और मैरी मेग्डलीन की जगह सोनिया गांधी का चेहरा लगा दिया गया.
इनके दोनों ओर कांग्रेस और भाजपा नेता बैठे थे. 'भक्तों' में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी, यहां तक कि फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी भी शामिल थे. चांडी कहते हैं, ''इससे यीशु के प्रति माकपा के सम्मान की कलई खुल जाती है.'' पोस्टर तुरत-फुरत गायब हो गया.
एम.जी. राधाकृष्णन