देश में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 900 से अधिक पद रिक्त हैं जिनमें सर्वाधिक 114 वरिष्ठ पुलिस (आईपीएस) अधिकारियों के पद उत्तर प्रदेश में खाली हैं.
गृह मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक एक जनवरी, 2016 को देश में 908 आईपीएस अधिकारियों की कमी थी जबकि उनकी कुल निर्धारित संख्या 4809 हैं. फिलहाल 3894 आईपीएस अधिकारी सेवारत हैं.
सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में आईपीएस की 114 रिक्तियां हैं जबकि उनकी कुल निर्धारित संख्या 517 है. पश्चिम बंगाल में 88 रिक्तियां हैं जबकि उनकी कुल निर्धारित संख्या 347 है.
मंत्रालय के आंकड़े के हिसाब से ओड़िशा में 188 आईपीएस अधिकारी होने चाहिए जबकि 79 पद रिक्त हैं. कर्नाटक में 72 पद खाली हैं जबकि उनकी निर्धारित संख्या 215 है.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह अंतर इस बात के मद्देनजर बहुत बड़ा है कि देश की जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हम हर साल आईपीएस में अधिकाधिक अधिकारियों की भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं.' सीमित प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन कर आईपीएस अधिकारियों की कमी दूर करने की सरकार की कोशिश को विभिन्न अदालतों में कई मामले दर्ज होने से ब्रेक लग गया.
कुछ निर्धारित मापदंडों को पूरा कर रहे राज्य पुलिस सेवा के पुलिस उपाधीक्षक, केंद्रीय अर्धसैनिक बल के सहायक कमांडेंट, रक्षाबलों के कैप्टन और मेजर इस परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र थे.
अधिकारी ने कहा, 'इस योजना के विभिन्न पहलुओं को चुनौती देते हुए गृह मंत्रालय, यूपीएससी, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, रक्षा मंत्रालय के खिलाफ बड़ी संख्या में अदालती मामले दायर किए गए हैं. फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है.'
BHASHA