इन 8 वजहों से पोर्न बैन पर 'क्लीन बोल्‍ड' हुई सरकार

केंद्र सरकार ने पहले तो कई पोर्न वेबसाइट्स को बैन कर दिया, लेकिन बाद में वह इस मुद्दे पर नरम पड़ गई. सरकार के रुख में आए बदलाव के पीछे कुछ अहम वजह थी, जिससे उसे कदम पीछे खींचने को मजबूर होना पड़ा.

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अमरेश सौरभ

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 8:31 AM IST

केंद्र सरकार ने पहले तो कई पोर्न वेबसाइट्स को बैन कर दिया, लेकिन बाद में वह इस मुद्दे पर नरम पड़ गई. सरकार के रुख में आए बदलाव के पीछे कुछ अहम वजह थी, जिससे उसे कदम पीछे खींचने को मजबूर होना पड़ा.

आगे उन कारणों की चर्चा की गई है, जिससे सरकार पोर्न पर एक तरह से 'क्लीन बोल्ड' हो गई...

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1. सोशल मीडिया पर तेज प्रतिक्रिया
जैसे ही पोर्न वेबसाइट्स पर बैन की बात सामने आई, सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया हुई. लोगों ने फेसबुक और ट्विटर पर इस बैन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली.

2. आईटी एक्सपर्ट की राय
पोर्न के मामले में आईटी एक्सपर्ट्स की राय की यह थी कि इस तरह की वेबसाइट्स पर पूरी तरह रोक लगाना मुमकिन नहीं है. अगर कुछ वेबसाइट्स को बैन भी कर दिया जाए, फिर भी इंटरनेट पर पोर्न सामग्री चलती ही रहेगी.

3. सुप्रीम कोर्ट की पहले की राय
पोर्न वेबसाइट्स के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का रुख अलग था. तब सुप्रीम कोर्ट ने भारत में तमाम पोर्न वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का निर्देश जारी करने से साफ इनकार कर दिया था. इसके पीछे व्यक्त‍िगत स्वतंत्रता के हनन होने की बात कही गई. कोर्ट ने तर्क दिया था, 'कोई भी कोर्ट आकर यह कह सकता है कि मैं वयस्क हूं और आप मुझे अपने घर के बंद कमरों में इसे देखने से कैसे रोक सकते हैं? यह संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है.' संविधान के अनुच्छेद- 21 के तहत लोगों को व्यक्त‍िगत आजादी हासिल है.

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4. पोर्न बैन पर फूटा बॉलीवुड हस्तियों का गुस्सा
मोदी सरकार के 857 पोर्न साइट्स बैन करने वाले फैसले पर बॉलीवुड हस्तियों ने भी सवाल उठाए. अभि‍नेत्री सोनम कपूर ने सरकार के इस फैसले को गलत ठहराया, वहीं रामगोपाल वर्मा ने इसके विरोध में ट्वीट्स की झड़ियां लगा दी थीं.

5. जो पोर्न कंटेट नहीं थे, वह भी ब्लॉक
सरकार ने जिन 857 वेबसाइट्स को ब्लॉक किया था, उनमें कई ऐसे थे, जिन पर एडल्ट कंटेट तो थे, पर वे पोर्न के दायरे में नहीं आते थे. इससे भी सरकार बैकफुट पर आ गई.

6. बहुमत के गुस्से का भय
सरकार के कर्ता-धर्ता इस बात को भली-भांति समझते थे कि पोर्न पर बैन से उसे अधि‍कांश जनता के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है.

7. सरकार के राजस्व में आती कमी
एक्सपर्ट्स की राय में अगर पोर्न वेबसाइट्स पर रोक पहले की तरह जारी रहती, तो सरकार के राजस्व में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से घाटा होता.

8. रिसर्च में 'सच से सामना'
एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि इंटरनेट यूजर्स में से करीब 50 फीसदी लोग पोर्न देखने के लिए ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में अगर पोर्न बैन कर दिया जाता, तो इंटरनेट के इस्तेमाल में काफी गिरावट आती, जिससे मोबाइल कंपनियों को भारी घाटा होता.

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