सीरिया में परजीवी का सबसे पुराना अंडा मिला

वैज्ञानिकों ने एक परजीवी (पैरासाइट) का सबसे पुराना अंडा खोज निकाला है जो आज भी लोगों को संक्रमित कर रहा है. यह अंडा एक बच्चे की कब्र वाले प्लाट में पाया गया जो 6,200 साल पुराना है. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज में जैविक मानवविज्ञानी पीर्स मित्शेल ने बताया, ‘हमने एक परजीवी के सबसे शुरुआती सबूत पाए हैं, जिसके कारण मनुष्यों में शिस्टोसोमायसिस होता है.’

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aajtak.in

  • लंदन,
  • 22 जून 2014,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

वैज्ञानिकों ने एक परजीवी (पैरासाइट) का सबसे पुराना अंडा खोज निकाला है जो आज भी लोगों को संक्रमित कर रहा है. यह अंडा एक बच्चे की कब्र वाले प्लाट में पाया गया जो 6,200 साल पुराना है. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज में जैविक मानवविज्ञानी पीर्स मित्शेल ने बताया, ‘हमने एक परजीवी के सबसे शुरुआती सबूत पाए हैं, जिसके कारण मनुष्यों में शिस्टोसोमायसिस होता है.’

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परजीवी का अंडा तिगरिस और यूफ्रेट्स नदियों के बीच पाया गया जहां लगभग 7,500 साल पहले कुछ सबसे पहली सिंचाई तकनीकों का अविष्कार किया हुआ था. अंडा सीरिया में तेल जीदान कहे जाने वाले क्षेत्र के कब्रिस्तान में मिला, जहां 26 कंकाल थे.

अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी के मानवाविज्ञानी गिल स्टीन ने बताया कि इस जगह पर लगभग 7,800 से 5,800 साल पहले लोगों का कब्जा था, शायद यहां हजारों लोग रहते हों. शिस्टोसोमा का सबसे पुराना अंडा इससे पहले मिस्र की ममी में पाया गया था, जो 5,200 साल पुराना था. निष्कर्ष के मुताबिक, कृषि प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण इस पानी में पैदा होने वाले इस परजीवी का मनुष्यों में संक्रमण बढ़ा.

लाइव साइंस के मुताबिक, शिस्टोसोमा परजीवी ताजे पानी के घोंघे में रहते हैं और जब लोग गर्म, ताजे पानी में उतरते हैं तो यह परजीवी उनके शरीर में बिल बना लेता है. कृषि प्रौद्योगिकी इस परजीवी के प्रसार से जुड़ी है. ये निष्कर्ष शोधपत्र ‘लांसेट इंफेक्शन डिजीज’ में प्रकाशित हुए.

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