भारत में पहले कंडोम के पचास साल, 'निरोध' के बाद बड़े लक्ष्य पर हिंदुस्तान लेटेक्स की नजर

देश का पहला कंडोम बनाने वाली सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर यानी हिंदुस्तान लेटेक्स के 50 साल पूरे हो गए हैं. कंपनी अब 'सेक्शुअल वेलनेस' के लिए अपने प्रॉडक्ट की बड़ी रेंज लेकर आ रही है और देश में कंडोम का इस्तेमाल बढ़ाना चाहती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

देश का पहला कंडोम बनाने वाली सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर यानी हिंदुस्तान लेटेक्स के 50 साल पूरे हो गए हैं. कंपनी अब 'सेक्शुअल वेलनेस' के लिए अपने प्रॉडक्ट की बड़ी रेंज लेकर आ रही है और देश में कंडोम का इस्तेमाल बढ़ाना चाहती है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में यह इंडस्ट्री करीब 8500 करोड़ रुपये सालाना की है.

कंपनी अब अपने 'निरोध' ब्रांड से आगे बढ़ चुकी है और ल्यूब्रिकैंट से लेकर जेल और वाइब्रेटिंग रिंग तक बना रही है. याद रहे कि इसी कंपनी ने 'निरोध' कंडोम बनाया था जो भारत में परिवार नियोजन अभियान का अहम टूल बना.

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कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एम. अयप्पन बताते हैं, 'हां हम नए बाजार में एक सॉफ्ट एंट्री ले रहे हैं. हम ऐसे प्रॉडक्ट का प्रमोशन फेसबुक और सोशल मीडिया के दूसरे मंचों से करेंगे.'

कंपनी फिलहाल मूड्स, क्रेजेंडो, उस्ताद, सहेली, हाईकेयर, न्यू लाइफ, जूम और वेलवेट जैसे ब्रांड बना रही है. अयप्पन बताते हैं कि इन नए प्रॉडक्ट और यहां तक कि कंडोम को लेकर भी भारत में जागरूकता की कमी है. उनके मुताबिक, 'हमारा मकसद लोगों को कंडोम का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना है. हैरत की बात है कि बहुत सारे पढ़े लिखे लोग भी कंडोम का ठीक इस्तेमाल नहीं जानते.'

1966 में जापान की ओकामोतो इंडस्ट्रीज के सहयोग से हिंदुस्तान लेटेक्स की स्थापना हुई थी. इसका पहला प्लांट 5 अप्रैल 1969 को केरल के तिरूवनंतपुरम जिले के पेरूरकडा में लगा था. अब पेरूरकडा के साथ जिले के अक्कुलम में भी प्रोडक्शन होता है. इसके अलावा कक्कानड, कोच्चि के इरापुरम, बेलगाम के कनागल और गुड़गांव के मानेसर में कंपनी के प्रोडक्शन यूनिट हैं.

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