बांग्लादेशी शख्स का दावा, ISIS ने मार दिए 39 भारतीयों को

उन 40 भारतीयों का क्या हुआ जिन्हें इस साल जून महीने में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को अगवा कर लिया था? एक हिंदी न्यूज चैनल ने जो जानकारी दी है कि उसने केंद्र सरकार और अगवा भारतीयों के परिवार वालों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

Advertisement
Symbolic Image Symbolic Image

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST

उन 40 भारतीयों का क्या हुआ जिन्हें इस साल जून महीने में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने अगवा कर लिया था? एक हिंदी न्यूज चैनल ने जो जानकारी दी है उसने केंद्र सरकार और अगवा भारतीयों के परिवार वालों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इराक में फंसे  भारतीयों की ये तस्‍वीरें सामने आई थीं

टीवी चैनल ने जानकारी दी है कि उन्हें दो बांग्लादेशी मजदूरों ने बताया कि आतंकियों ने जून के महीने में जिन 40 लोगों को अगवा किया था उसमें से 39 को गोली मार दी गई. इसमें एक मात्र शख्स भागने में कामयाब रहा.

Advertisement

दरअसल, न्यूज चैनल के रिपोर्टर की मुलाकात कुर्दिस्तान की राजधानी इरबिल में शफी और हसन से हुई, जो उस बांग्लादेशी ग्रुप का हिस्सा थे जिन्हें आईएस के आतंकियों ने मोसुल से अगवा कर लिया था. यहीं से 40 भारतीय भी अगवा किए गए थे.

किडनैप करने के बाद पहले आतंकियों ने हर किसी से उनके धर्म के बारे में पूछा. बाद में भरोसा दिलाया कि उन्हें इरबिल ले जाया जाएगा. एक पल के लिए भारतीयों को ऐसा लगने लगा कि वे आतंकियों के चंगुल से बच जाएंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. बाद में आतंकियों ने बांग्लादेशी और भारतीय नागरिकों को अलग-अलग कर दिया गया.

कुछ दिनों बाद आतंकियों की चंगुल से बच निकलने वाले हरजीत की मुलाकात बांग्लादेशी मजदूरों से हुई. उसने बताया कि अगवा भारतीयों को आतंकी एक पहाड़ी इलाके में ले गए. 15 जून की बात है कि उसके साथियों को आतंकियों ने गोली मार दी. आतंकियों ने तो उस पर भी गोली चलाई थी, पर वह उसे छू कर निकल गई. उसने आतंकियों के सामने मरने का नाटक किया जिस कारण से वह बच पाया.

Advertisement

वहां से भागकर हरजीत अल जामिया नाम के जगह पर पहुंचा, जहां पर उसने आईएसआईएस समर्थकों को बताया कि वह बांग्लादेशी है. इसके बाद वह बांग्लादेशियों के साथ रहने लगा और अपनी कहानी सुनाई. आतंकियों को गुमराह करने के लिए वह हर दिन नमाज भी पढ़ता था. इसके बाद सभी बांग्लादेशियों को इरबिल ले जाया गया.

इरबिल पहुंचने के बाद हरजीत की मुलाकात इन बांग्लादेशी मजदूरों से नहीं हुई. फिलहाल हरजीत कहां है इसकी जानकारी किसी को नहीं है. पर उसने अपनी मां से फोन पर बात जरूर की है.

विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है और मामले की जांच जारी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement