हिंद महासागर में चीन की चाल पर नजर रखेंगे भारत के सी-गार्डियन

भारत की समुद्री सीमा 7500 किलोमीटर लंबी है. हिंद महासागर में अपना दबदबा बढ़ाने की चीन की कोशिशों को देखते हुए भारत को अमेरिकी ड्रोन मिलना बेहद अहम है.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

केशवानंद धर दुबे / BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

अमेरिका ने भारत को 22 समुद्री गार्डियन ड्रोन बेचने का निर्णय किया है. भारत को अनुमानित दो अरब डॉलर में 22 समुद्री गार्डियन ड्रोन बेचने के निर्णय से अमेरिका में रोजगार के करीब 2000 नए अवसर पैदा होंगे. इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे.

बता दें कि भारत की समुद्री सीमा 7500 किलोमीटर लंबी है. हिंद महासागर में अपना दबदबा बढ़ाने की चीन की कोशिशों को देखते हुए भारत को अमेरिकी ड्रोन मिलना बेहद अहम है.

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भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा संबंध मजबूत

इस सौदे से जुड़े हुए जनरल एटोमिक्स के मुख्य कार्यकारी (अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक विकास) विवेक लाल ने अटलांटिक काउंसिल को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘इसे भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम समझा जाना चाहिए.’’  विवेक लाल से पहले सीनेटर जॉन कोर्निन ने भी ट्वीट कर कहा था, ‘‘ड्रोन सौदे से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे.’’ इस सौदे के संबंध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्हाइट हाउस में मुलाकात करने के बाद घोषणा की थी.

विवेक लाल ने आगे कहा कि जनरल एटोमिक्स द्वारा तैयार ड्रोन का यह सौदा विशिष्ट है क्योंकि पहली बार यह किसी ऐसे देश को बेचा जा रहा है जो नाटो का सदस्य नहीं है.

40 घंटे तक उड़ान भरते दुश्मन पर नजर रखने में सक्षम

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समुद्री गार्डियन ड्रोन अमेरिका समेत उसकी सहयोगी सेनाओं का अहम रक्षा उपकरण है.  ये ड्रोन लगातार 40 घंटे तक उड़ान भरते हुए दुश्मन की किसी भी हरकत पर नजर रखने में सक्षम है. भारतीय मूल के एक टॉप अमेरिकी अफसर विवेक लाल ने बताया कि भारत को सी-गार्डियन देने के फैसले से भारत-अमेरिका के रिश्ते तो मजबूत होंगे ही, इससे अमेरिका में 2000 नए जॉब्स भी जाएंगे. पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत को 2 बिलियन डॉलर (करीब 12818 करोड़ रुपये) में ड्रोन दिए जाने पर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सहमति जताई थी.

 

 

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