इन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा करने के लिए ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है. इन 154 दिग्गजों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई पूर्व जज और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के पूर्व चेयरमैन प्रमोद कोहली कर रहे हैं. प्रमोद कोहली ने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन को राजनीतिक तत्वों ने हिंसा के लिए उकसाया.
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उन्होंने कहा कि जब नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन किए गए, तो इनके समर्थन में भी आवाज सामने आई. उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और सुरक्षा बलों पर पथराव किया था.
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इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की मौत भी हुई थी. इसके अलावा हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई पुलिस कर्मियों को भी चोटे आई थीं. इसके बाद प्रशासन ने कई प्रदर्शनकारियों की पहचान की और उनको नोटिस भेजा है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सार्वजनिक रूप से साफ कह चुके हैं कि हिंसा करने वालों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
पश्चिम बंगाल में रेलवे की बोगियों में भी आगजनी की गई थी, जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने रेलवे की संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों को नोटिस भेजा था. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में धारा-144 के उल्लंघन करने पर 1200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं.
aajtak.in / हिमांशु मिश्रा