13 अंकों का मोबाइल नंबर कांग्रेस की तरफ से फैलाई गई अफवाह: अमित शाह

पिछले दिनों सोशल मीडिया समेत लोगों के बीच मोबाइल नंबर 13 नंबर का होने को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह अफवाह कांग्रेस की तरफ से फैलाई गई.

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अमित शाह (फाइल फोटो) अमित शाह (फाइल फोटो)

विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST

पिछले दिनों सोशल मीडिया समेत लोगों के बीच मोबाइल नंबर 13 अंकों का होने को लेकर अफवाह फैल गई थी. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह अफवाह कांग्रेस की तरफ से फैलाई गई. उन्होंने ट्वीट कर यह आरोप लगाया. इसके अलावा उन्होंने एफआरडीआई बिल को लेकर भी अफवाह फैलाने का आरोप कांग्रेस पर लगाया.

अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि कांग्रेस ने 13 अंकों का मोबाइल नंबर होने की अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाई. जबकि सच्चाई यह है कि 13 अंकों के नए नंबर सिम आधारित मशीन टू मशीन (M2M) संचार के लिए उपलब्ध कराए जाने हैं. उन्होंने कहा कि इसका सामान्य मोबाइल से कोई लेना-देना नहीं है.

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उन्होंने एक और ट्वीट किया. इसमें उन्होंने कांग्रेस पर टेक्नोलॉजी के नाम पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने इस ट्वीट में आरोप लगाया कि जहां मोदी सरकार टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में जुटी हुई है. वहीं, कांग्रेस टेक्नोलॉजी को लेकर भ्रम फैलाकर लोगों के मन में भय पैदा कर रही है.

सरकार ने किया था साफ

मोबाइल नंबर को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह उठने के बाद टेलीकॉम मंत्रालय ने इसको लेकर तस्वीर साफ की थी. मंत्रालय ने साफ क‍िय था कि 1 जुलाई से सभी टेलीकॉम कंपनियों को 10 की जगह 13 नंबर का M2M सिम कार्ड जारी करना होगा. ये स‍िम भले ही एक सामान्य सिम की तरह ही दिखते हैं, लेकिन इनका यूज आपके नॉर्मल मोबाइल फोन में नहीं होता है. M2M सिम का इस्तेमाल सिर्फ डाटा ट्रांस‍मिट करने के लिए किया जाता है. इसका मतलब यह है कि इससे आप वॉइस कॉल नहीं कर सकते.

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FRDI बिल को लेकर भी घेरा

अमित शाह ने फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल को लेकर मचे हंगामें को लेकर भी कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा कि अभी यह बिल शुरुआती चरण में है और कांग्रेस ने इसके बारे में अफवाहें फैलाकर खुद को ही कठघरे में खड़ा कर दिया.

 क्या है एफआरडीआई बिल

फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफआरडीआई बिल) वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए बनाया जा रहा है. जब भी कोई  बैंक अपना कारोबार करने में सक्षम नहीं होगा और वह अपने पास जमा आम लोगों के पैसे लौटा नहीं पाएगा, तो उस बैंक को इस संकट से उभारने में मदद करेगा ये एफआरडीआई बिल. 

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