आतिशी मारलेना का दावा, 'AAP में सुलझने वाला था विवाद, पर शांति भूषण की जिद ने बदले हालात'

आम आदमी पार्टी में एक नई चिट्ठी में नया दावा किया गया है. पार्टी की पूर्व प्रवक्ता आतिशी मारलेना ने दावा किया है कि अंदरूनी विवाद पर दोनों गुटों में समझौता होने वाला था, लेकिन आखिरी समय में प्रशांत भूषण अपने पिता की जिद के चलते पीछे हट गए.

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Atishi Marlena Atishi Marlena

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST

आम आदमी पार्टी में एक नई चिट्ठी में नया दावा किया गया है. पार्टी की पूर्व प्रवक्ता आतिशी मारलेना ने दावा किया है कि अंदरूनी विवाद पर दोनों गुटों में समझौता होने वाला था, लेकिन आखिरी समय में प्रशांत भूषण अपने पिता की जिद के चलते पीछे हट गए. आतिशी के मुताबिक, शांति भूषण ने प्रशांत भूषण को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने केजरीवाल गुट से कोई समझौता किया तो वह घर छोड़ देंगे.

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हाल ही में प्रवक्ता पद से हटाई गईं आतिशी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने संकेतों में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण से अपनी राहें जुदा करने का ऐलान कर दिया है. पार्टी में जब सब कुछ ठीक था, तब मार्क्सवादी पृष्ठभूमि की आतिशी योगेंद्र और प्रशांत की करीबी मानी जाती थीं. उनकी यह नई चिट्ठी दोनों AAP नेताओं के लिए बड़ा झटका है.

आतिशी ने यह चिट्ठी केजरीवाल गुट के नेताओं को लिखा है जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल गुट और उनके विरोधी प्रशांत-योगेंद्र गुट के बीच बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही थी और इसमें समझौते की संभावना थी लेकिन शांति भूषण नहीं चाहते थे कि प्रशांत और योगेंद्र केजरीवाल के आगे समर्पण करें. शांति भूषण ने अपने बेटे प्रशांत भूषण से साफ कह दिया था कि अगर वह केजरीवाल से समझौता करने की दिशा में आगे बढ़ते हैं तो वह घर छोड़ देंगे.

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आतिशी की चिट्ठी के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत भूषण ने कहा कि आतिशी को सच्चाई पता नहीं है और वह वहां नहीं थीं. उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों में बातचीत विश्वसनीयता की कमी की वजह से नाकाम हुई. हमें उनके वादों पर भरोसा नहीं था.' प्रशांत ने कहा कि पार्टी के चुनिंदा अंदरूनी मेल ट्रेल सामने आए हैं और उनके जवाब को पब्लिक नहीं किया गया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते.

शांति भूषण ने ‘आप’ की स्थापना के समय पार्टी को एक करोड़ रुपए का चंदा दिया था लेकिन वह लंबे समय से केजरीवाल से खफा चल रहे हैं. दिल्ली चुनाव से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए किरण बेदी को केजरीवाल से बेहतर उम्मीदवार बता दिया था.

आतिशी की चिट्ठी

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